ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के बीच राजनैतिक विरासत को लेकर छिड़ी पारिवारिक जंग में अब बारामती लोकसभा सीट पर ननद-भौजाई के बीच होने वाला रण दिलचस्प हो गया है। वहां एनसीपी प्रत्याशी सुप्रिया सुले के पास पिता की विरासत है तो दूसरी ओर उन्हें चुनौती दे रही उनकी भाभी सुनेत्रा अजित पवार के पास एनडीए गठबंधन की ताकत है। परिवार से चुनाव मैदान तक पहुंचे इस पारिवारिक झगड़े में शरद पवार के सामने अब प्रतिष्ठा बचाने की चुनौती है।
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में वर्चस्व को लेकर शुरु हुई चाचा शरद पवार व भतीजे अजित पवार के बीच पारिवारिक लड़ाई में चाचा को पार्टी तोड़ने का जख्म देने के बाद अजित पवार ने अब चाचा को उनके जीवन का सबसे बड़ा जख्म देने की तैयारी कर ली है। अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा अजित पवार को उसी बारामती सीट से उम्मीदवार बनाया है जिस सीट को शरद पवार का किला माना जाता रहा है और जहां उनकी बेटी सुप्रिया सुले चुनाव मैदान में है। बारामती सीट पर छह बार शरद पवार स्वयं निर्वाचित होकर लोकसभा में पहुंच चुके है और वर्ष 2009 से उनकी पुत्री सुप्रिया सुले यहां हैट्रिक लगा चुकी हैं। वर्ष 1991 में एक बार अजित पवार भी यहां से चुनाव जीत चुके हैं। पिता की विरासत के बल पर देश की राजनीति में पहचान बना चुकी शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले अब अपनी ही भाभी सुनेत्रा अजित पवार के सामने चुनावी समर में है।
सुनेत्रा अजित पवार एक शक्तिशाली राजनैतिक परिवार की बहू होने के साथ साथ अपने आप में साहसी और बहुमुखी व्यक्तित्व की धनी हैं और वर्ष 2010 में स्थापित गैर सरकारी संगठन, एनवायरनमेंटल फोरम ऑफ इंडिया की संस्थापक हैं और एक शैक्षणिक संस्थान विद्या प्रतिष्ठान की ट्रस्टी होने के साथ-साथ वह 2011 से फ्रांस में विश्व उद्यमिता मंच की थिंक टैंक सदस्य रही हैं।