ब्लिट्ज ब्यूरो
न्यूयॉर्क। भारत व 27 अन्य देशों और यूरोपीय संघ ने यूनाइटेड किंगडम में एक बैठक में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े जोखिमों का आकलन करने के लिए मिलकर काम करने का वचन देते हुए एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के कार्यालय के आधिकारिक पेज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, अग्रणी देश एआई सुरक्षा पर दुनिया के पहले समझौते पर पहुंचे हैं।
यूके सरकार ने ‘द बैलेचले डिक्लेरेशन’ शीर्षक से एक बयान जारी किया, जिस पर यूरोपीय संघ सहित 28 भाग लेने वाले देशों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए और सबसे परिष्कृत ‘फ्रंटियर’ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम द्वारा प्रस्तुत खतरों के बारे में एक गंभीर चेतावनी जारी की। इसमें कहा गया है, “बैलेचली पार्क घोषणा में 28 देश अवसरों, जोखिमों और फ्रंटियर एआई पर अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की आवश्यकता पर सहमत हैं, जो सिस्टम सबसे जरूरी और खतरनाक जोखिम पैदा करते हैं।
एआई के उपयोग में हो सकती है वृद्धि
बैलेचली पार्क घोषणा में आवास, रोजगार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, पहुंच, न्याय जैसे दैनिक दिनचर्या के विभिन्न क्षेत्रों में एआई सिस्टम के महत्व पर भी ध्यान दिया गया और कहा गया कि उनके उपयोग में वृद्धि देखने की संभावना है।
एआई जोखिम को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर संबोधित किया जाएगा और साझा चिंता के एआई सुरक्षा जोखिमों की पहचान करने और इन जोखिमों की एक साझा वैज्ञानिक और साक्ष्य-आधारित समझ बनाने पर जोर दिया जाएगा।
एआई को खुलेपन, सुरक्षा, विश्वास और जवाबदेही के चश्मे से देखें
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यूके में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर दुनिया के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि भारत एआई को खुलेपन, सुरक्षा, विश्वास और जवाबदेही के चश्मे से देखता है।