ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। डब्ल्यूएचओ व यूनिसेफ ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक भारत में साल 2023 में 16 लाख से ज्यादा बच्चों को किसी भी प्रकार की वैक्सीन नहीं लगी है। शिशु अवस्था से लेकर 10 से 12 साल तक की उम्र के बच्चों को कई वैक्सीन लगाई जाती हैं ताकि न केवल उनका शारीरिक विकास हो सके, बल्कि आगे चलकर उनमें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम कम हो सके।
वैक्सीन बच्चों के लिए जरूरी
वैक्सीन लगवाना बच्चों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित होता है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक भारत में साल 2023 में 16 लाख से ज्यादा बच्चों को किसी भी प्रकार की वैक्सीन नहीं लगी है।
आंकड़े चौंका देने वाले
डब्ल्यूएचओ और संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी किए गए आंकड़े वाकई चौंका देने वाले हैं। भारत में साल 2023 में एक बड़ी आबादी टीकाकरण से वंचित रह गई। नाइजीरिया में यह आंकड़ा 2.1 मिलियन का है। जिसके बाद भारत को सूची में रखा गया है। यह कोई पहली बार नहीं है, बल्कि साल 2019 में भी 27 लाख बच्चों को वैक्सीन नहीं लग पाई थी। देखा जाए तो यह एक गंभीर विषय है, जो बच्चों की सेहत को प्रभावित कर रहा है। भारत में अभी भी कई बच्चे ऐसे हैं, जो खसरे की वैक्सीन से वंचित हैं। यह आंकड़ा तीसरे नंबर पर है, जहां बच्चों को खसरे की वैक्सीन नहीं लग पाई है।
10 देशों में शामिल भारत
भारत ऐसे 10 देशों में शामिल था जहां 55 प्रतिशत बच्चे ऐसे थे, जो खसरे की वैक्सीन से वंचित रह गए थे। यूनीसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक अब भी बहुत से बच्चे छूटते जा रहे हैं, जिन्हें वैक्सीन लगनी चाहिए थी।