ब्लिट्ज ब्यूरो
न्यूयॉर्क । संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने कहा है कि सूडान और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (अफ्रीका) में संघर्ष, म्यांमार (एशिया) में सैन्य शासन और रूस-यूक्रेन (यूरोप) युद्ध ने इस साल सबसे अधिक लोगों को अपने घरों से निकाला।
2023 के मध्य तक करीब 3.58 करोड़ लोगों को अपना देश छोड़ना पड़ा था, जो अब यह आंकड़ा सितंबर तक 3.98 तक बढ़ गया है। वहीं आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या 5.7 करोड़ है। दुनियाभर में अपने घरों से विस्थापित लोगों की संख्या 11.4 करोड़ के पार चली गई है। संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने बयान जारी कर यह जानकारी दी। इसमें कहा कि तीन महाद्वीपों (अफ्रीका, यूरोप व एशिया) में चल रहे संघर्ष के कारण सितंबर के अंत तक हर 73 में से एक व्यक्ति जबरन विस्थापित हुआ । 40 लाख लोगों ने पिछले तीन महीनों (जुलाई से सितंबर) में घर छोड़ा।
सिर्फ गाजा में करीब 14 लाख लोग बेघर
एजेंसी ने बताया कि ये आंकड़े इस्राइल-हमास की लड़ाई शुरू होने से पहले के हैं। 7 अक्तूबर को हमास के हमले के बाद गाजा में इस्राइल की लगातार बमबारी जारी है। दोनों ओर से अभी तक 9 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय सहायता एजेंसी ओसीएचए के मुताबिक, गाजा में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संख्या करीब 14 लाख है। एजेंसी के मुताबिक, साल 2023 की पहली छमाही में विस्थापितों की संख्या बढ़ने के पीछे यूक्रेन- रूस, सूडान, म्यांमार और कांगो में सघर्ष, युद्ध की घटनाएं हैं। वहीं अफगानिस्तान में लंबे समय से चला आ रहा मानवीय संकट भी कारण है। साथ ही सूखा, बाढ़, भूकंप और सोमालिया में असुरक्षा जैसी स्थितियों ने विस्थापितों की संख्या बढ़ाई है।
इन देशों ने 75 फीसदी शरणार्थियों को जगह दी
शरणार्थियों में करीब एक तिहाई संख्या तीन देशों -अफगानिस्तान, सीरिया और यूक्रेन के नागरिकों की है। सीरिया की आधी आबादी 2023 के मध्य तक विस्थापित के रूप में ही रही। इनमें से 67 लाख देश में विस्थापित हैं, जबकि इतने ही लोग शरणार्थी हैं। कम और मध्यम आय वाले देशों ने 75 प्रतिशत शरणार्थियों को पनाह दी। तुर्किये ने 36 लाख, ईरान ने 34 लाख, पाकिस्तान ने 21 लाख, जर्मनी ने 15 लाख और कोलंबिया ने 14.5 लाख शरणार्थियों को जगह दी।
जर्मनी – 1,50,200
स्पेन- 87,10
(नोट: आंकड़े जून, 2023 तक के)