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नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ब्रिटेन के 36 सैटेलाइट एक साथ लॉन्च किए। भेजे गए सैटेलाइट का कुल वजन 5805 किलोग्राम है। इस मिशन को एलवीएम3/वनवेब इंडिया-2 नाम दिया गया है। इनकी लॉन्चिंग सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट से सुबह 9.00 बजे की गई। इसमें इसरो के 43.5 मीटर लंबे एलवीएम3 रॉकेट (जीएसएलवी-एमके3) का इस्तेमाल किया गया। ये इसरो का सबसे भारी रॉकेट है। इसने दूसरे लॉन्चपैड से उड़ान भरी। इससे चंद्रयान-2 मिशन समेत पांच सफल लॉन्चिंग हो चुकी हैं। यह इसकी छठी सफल उड़ान है।
रॉकेट लॉन्चिंग देखने के लिए श्रीहरिकोटा के स्पेसपोर्ट पर काफी लोग आए थे। सफल लॉन्चिंग के बाद लोग ताली बजाते नजर आए।
अमेरिका, जापान समेत 6 कंपनियों की हिस्सेदारी : वनवेब के लिए इसरो की कॉमर्शियल यूनिट न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का ये दूसरा मिशन रहा। नेटवर्क एक्सिस एसोसिएटेड लिमिटेड यानी वनवेब यूके की संचार कंपनी है। इसमें ब्रिटिश सरकार, भारत की भारती इंटरप्राइजेज, फ्रांस की यूटेलसैट, जापान का सॉफ्टबैंक, अमेरिका के ह्यूज्स नेटवर्क्स और दक्षिण कोरियाई डिफेंस कंपनी हनव्हा की हिस्सेदारी है। ये सैटेलाइट आधारित सेवा मुहैया कराने वाली संचार कंपनी है। इसका मुख्यालय लंदन में है। वनवेब के 36 सेटेलाइट्स फ्लोरिडा से 16 फरवरी को ही भारत आ गए थे। लॉन्चिंग कामयाब होने पर वनवेब इंडिया-2 ने स्पेस में 600 से ज्यादा लोअर अर्थ ऑर्बिट सेटेलाइट्स के कान्स्टलेशन को पूरा कर लिया। इससे दुनिया के हर कोने में स्पेस आधारित ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस मुहैया कराने की योजना में मदद मिलेगी।