डॉ. सीमा द्विवेदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की जनता से भविष्य में आने वाली किसी भी स्वास्थ्य इमरजेंसी की स्थिति से लड़ने और इसे रोकने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया। जैसे कोविड के समय लोगों ने अपना साहस दिखाया, वही साहस फिर दिखाना है। पीएम मोदी गुजरात की राजधानी गांधीनगर में जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि डिजिटल समाधान और नवाचार हमारे प्रयासों को न्यायसंगत व समावेशी बनाने के उपयोगी साधन हैं। वैश्विक स्वास्थ्य पर पहल विभिन्न डिजिटल स्वास्थ्य पहलों को एक साझा मंच पर लाएगी। आइए अपने नवाचारों को जनता की भलाई के लिए खोलें। आइए हम वित्त पोषण (फंडिंग) के दोहराव से बचें।
प्रौद्योगिकी की समान उपलब्धता जरूरी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आइए हम प्रौद्योगिकी की समान उपलब्धता को सुविधाजनक बनाएं। यह पहल वैश्विक दक्षिण के देशों को स्वास्थ्य सेवा वितरण में अंतर को कम करने की अनुमति देगी। यह हमें सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) प्राप्त करने के हमारे लक्ष्य के एक कदम और करीब ले जाएगा।
10 लाख मरीजों को नागरिकों ने गोद लिया
पीएम मोदी ने जी-20 सदस्यों को बताया कि भारत लोगों की भागीदारी की मदद से वैश्विक समय सीमा से पहले ही क्षय रोग (टीबी) को खत्म कर देगा। मोदी ने कहा कि हमने देश के लोगों से टीबी उन्मूलन के लिए नि-क्षय मित्र बनने का आह्वान किया है। इसके तहत लगभग 10 लाख मरीजों को नागरिकों ने गोद लिया है। उन्होंने कहा कि अब हम 2030 के वैश्विक लक्ष्य से काफी पहले टीबी उन्मूलन का लक्ष्य हासिल करने की राह पर हैं।
जी-20 में भारत की पहल को तरजीह महामारी समझौते पर सहमति
नई दिल्ली। भविष्य की स्वास्थ्य आपदाओं से लड़ने के लिए जी-20 देशों ने कागजों पर अपनी स्वीकृति दे दी है। हालांकि वैश्विक स्तर पर इसका प्रारूप कैसा होगा? इसकी जिम्मेदारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सौंपी गई है जो मई 2024 में इस महामारी समझौते को विश्व स्वास्थ्य सभा में प्रस्तुत करेगा। सूत्रों के अनुसार इस साल जी-20 के माध्यम से भारत शुरुआत से ही वैश्विक स्तर पर एक महामारी समझौता लाने की पहल कर रहा था।
अब तक तीन अलग अलग जी-20 स्वास्थ्य समूह की बैठकों में सभी देशों के प्रतिनिधियों ने इस पर चर्चा की जिस पर अंतिम सहमति गुजरात के गांधीनगर में आयोजित जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में मिली है। इस बैठक में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रॉस भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत ने कई सराहनीय कार्य किए हैं जिन्हें वैश्विक स्तर पर अपनाया जा सकता है।
भारत की अध्यक्षता में जी-20 की बैठकों में तीन प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों पर चर्चा हुई जिनमें महामारी समझौते के साथ-साथ एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की रोकथाम भी शामिल है। एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि भारत की अध्यक्षता में महामारी समझौते पर सभी देशों की सहमति लेने में कामयाबी मिल गई है।
स्वास्थ्य में विश्व का नेतृत्व करे भारत : अमेरिका
अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री जेवियर बेसेरा का कहना है कि भारत अब पहले जैसा नहीं है। बीते कुछ दशक में भारत ने अपनी क्षमताओं का काफी तेजी से विस्तार किया है। अब समय आ गया है जब भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनिया की लीडरशिप हासिल करे। मंत्री बेसेरा ने कहा कि अगर भविष्य की महामारियों की बात करें तो दुनिया में भारत और अमेरिका दोनों ही इस स्थिति में है कि वे अपना योगदान सबसे ज्यादा देकर लोगों की रक्षा कर सकते हैं।
भारत की वाहवाही पर चिढ़ क्यों
महामारी समझौते पर लिखित सहमति देने के बाद भी कुछ देशों ने मौखिक विरोध किया है। इसमें चीन का नाम भी शामिल है जिसने बल दिया कि विश्व स्वास्थ्य सभा में महामारी समझौता आना चाहिए।