ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। उनका नाम शैलेश कुमार है। ऐसा शख्स जिसने मुश्किलों के सामने कभी घुटने नहीं टेके।
वह बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले हैं। 2018 में सीएबीटी लॉजिस्टिक्स की नींव रखी थी। शैलेश को अपने पेशेवर सफर में कई शुरुआती असफलताओं का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आज उनकी कंपनी करोड़ों की बन चुकी है।
शैलेश कुमार पांच लोगों के साथ एक कमरे के घर में पले-बढ़े। उनके तीन भाई-बहन थे। उन्हें समझ में आ गया था कि शिक्षा ही उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की एकमात्र कुंजी है। उनके पिता की मासिक आय 1,400 रुपये थी। शैलेश कुमार का जन्म 1986 में हुआ था। वह कपिल देव की अगुआई वाली भारतीय क्रिकेट टीम की कहानी सुनते हुए बड़े हुए जिसने 1983 में विश्व कप जीता था।
अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद शैलेश कुमार आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा चले गए। हालांकि, वह इसमें सफल नहीं हुए। इसके बाद वापस बिहार लौट आए और अन्य इंजीनियरिंग परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी। पिता के कहने पर उन्होंने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। 2011 में कुमार ने बीटेक की डिग्री हासिल की। उनकी अगली चुनौती ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट ) पास करना था। इसे वह पास करने में कामयाब रहे। लेकिन, दुर्भाग्य से उज्ज्वल भविष्य के दरवाजे बंद रहे। खराब अंक और कम रैंक ने संकेत दे दिया था कि उन्हें फिर से शुरुआत करनी होगी।
शैलेश को धीरे-धीरे समझ आने लगा कि उनके लिए कहीं और ही रास्ता है। कई छोटे-मोटे काम करने के बाद 2017 में उन्होंने फ्लिपकार्ट ज्वाइन की। वह यहां डिलीवरी बॉय थे। कंपनी से मिले अनुभव लेकर उन्होंने इसके एक साल बाद ही अपनी खुद की कंपनी सीएबीटी लॉजिस्टिक्स शुरू कर दी। कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद सीएबीटी ने फ्लिपकार्ट पर केंद्रित मॉडल से ग्राहकों की अधिक विविध श्रेणी की सेवा करने के लिए खुद को बदल लिया। वित्त वर्ष 2019-20 में जिस कंपनी का रेवेन्यू 1.7 करोड़ रुपये था, वही वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 159.22 करोड़ रुपये हो गया।
2,000 कर्मचारी
सीएबीटी ने शुरुआत में कुछ शहरों पर फोकस किया। अब यह 23 राज्यों में 2,000 कर्मचारियों और 12,000 पिन कोड को कवर करने वाले विशाल नेटवर्क के साथ काम करती है।
प्रतिदिन 20 लाख ऑर्डर
सीएबीटी को एक शीर्ष इंट्रा-सिटी लॉजिस्टिक्स फर्म के रूप में मान्यता प्राप्त है। कंपनी प्रतिदिन 20 लाख ऑर्डर संभालती है। सीएबीटी की सफलता का श्रेय शैलेश कुमार के फ्लेक्सिबल और रणनीतिक व्यावसायिक बदलावों को दिया जाता है।