ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को फांसी की सजा की मांग वाली एनआईए की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने यासीन को 9 अगस्त को पेश होने को कहा है। 2022 में एनआईए कोर्ट ने यूएपीए और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में यासीन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। यासीन ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया था।
कोर्ट ने कहा, विदेशी मामलों में टिप्पणी से बचें
सुनवाई के दौरान साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मलिक की तुलना ओसामा बिन लादेन से कर दी। मेहता बोले- अगर लादेन किसी केस में भारतीय अदालतों में होता तो उसे भी बहस करने का मौका मिल जाता। मुझे लगता है कि उसके मामले में अमेरिका का फैसला सही था।
कोर्ट ने इस पर कहा कि दोनों की कोई तुलना नहीं क्योंकि ओसामा दुनिया की किसी भी अदालत में नहीं गया। जस्टिस मृदुल ने कहा कि अदालतों को विदेशी मामलों से जुड़े मसलों पर टिप्पणी से बचना चाहिए।
एनआईए ने कहा, आईपीसी में भी देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की सजा मौत है। इससे पहले एसजी तुषार मेहता ने एनआईए की तरफ से कहा, अगर हर अपराधी अपना दोष स्वीकार कर लेगा तो फिर उन्हें केवल आजीवन कारावास मिलेगा, मृत्युदंड नहीं। ऐसा न करना न्याय की विफलता होगी, क्योंकि आईपीसी की धारा 121 में भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने पर मौत की सजा का प्रावधान है।
यदि यह ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ केस नहीं है, जहां कोई लगातार सशस्त्र विद्रोह, सेना के लोगों की हत्या और उत्तराधिकार की वकालत कर रहा है, तो यह कभी भी ‘रेयरेस्ट ऑफ द रेयर’ केस नहीं हो सकता है।
कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग करता था यासीन
यासीन को कई धाराओं में सजा मिली है। दो मामलों में उम्रकैद और अन्य मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे।
श्रीनगर में वायुसेना के जवानों पर हमला
मलिक पर 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर में वायुसेना के जवानों पर हमला करने का आरोप है। इस घटना में 40 लोग घायल हुए थे, जबकि चार जवान शहीद हो गए थे। स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना उनमें से एक थे। यह सभी एयरपोर्ट जाने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहे थे, तभी आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया था। मलिक ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में भी इस बात का जिक्र किया था।
कश्मीरी पंडितों की हत्या का आरोप
इसके साथ ही मलिक पर पाकिस्तानी आतंकियों के साथ संबंध रखने के भी आरोप हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण के भी आरोप लगे हैं। 1990 में कश्मीरी पंडितों की हत्या कर उन्हें घाटी छोड़ने पर मजबूर करने में भी यासीन की बड़ी भूमिका रही।
कौन है यासीन मलिक
यासीन मलिक एक अलगाववादी नेता है और जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट से जुड़ा है। वह कश्मीर की राजनीति में हमेशा सक्रिय रहा है। उस पर युवाओं को भड़काने और हाथों में बंदूक लेने के लिए प्रेरित करने का भी आरोप है।