ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में मनी लॉन्डि्रंग के आरोपित अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि इसमें कानूनी अधिकार क्या है। आप शुचिता के सवाल पर तो कुछ कह सकते हैं, लेकिन यह कानूनी अधिकार नहीं है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सीएम पद पर रहें या नहीं,यह उपराज्यपाल को देखना है, वह चाहें तो कार्रवाई करें। कोर्ट इस याचिका पर विचार करने का इच्छुक नहीं है। इन टिप्पणियों के साथ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि जब गिरफ्तारी के विरुद्ध केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई चल रही थी, तब कोर्ट ने भी यही सवाल किया था। पर यह शुचिता का मामला है, इसमें कोई कानूनी अधिकार नहीं है। पीठ ने इस बात का भी उल्लेख किया कि हाईकोर्ट भी इस मुद्दे पर कई याचिकाएं खारिज कर चुका है।
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका कांत भाटी ने दाखिल की थी, जिसमें दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार (अभी अंतरिम जमानत पर) अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की गई थी। याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट के 10 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी गई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी याचिका खारिज कर दी थी।