ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। पश्चिम महाराष्ट्र लंबे समय तक सूबे में सत्ता की राजनीति का केंद्र रहा है। सहकारिता आंदोलन से पहले कांग्रेस की यहां मजबूत पकड़ रही है। सहकारी चीनी मिलों के उदय के बाद पकड़ और मजबूत होती गई। इस इलाके ने कांग्रेस को छह सीएम दिए हैं, जबकि मौजूदा सीएम शिवसेना के एकनाथ शिंदे व उपमुख्यमंत्री एनसीपी के अजित पवार भी इसी क्षेत्र से हैं। चीनी बेल्ट के रूप में विख्यात पश्चिम महाराष्ट्र की राजनीति में शरद पवार तीन दशक से किंगमेकर रहे। लेकिन, पार्टी विभाजित होने के बाद चाचा-भतीजा अलग-अलग धुरी बन गए हैं। लोकसभा चुनाव में मराठा क्षत्रप और उनके भतीजे अजित पवार के बीच जंग का आगाज हो चुका है।
रजवाड़े भी मैदान में
सतारा व कोल्हापुर के रजवाड़े भी मैदान में हैं। सोलापुर में पिता की विरासत वापस पाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी विधायक प्रणीति शिंदे मैदान में हैं। एनसीपी में विभाजन के बाद मुख्य पार्टी पर अजित पवार का नियंत्रण है, जबकि शरद पवार बेटी सुप्रिया सुले के साथ अब एनसीपी (शरद पवार) गुट का नेतृत्व कर रहे हैं। राज्य में सत्तापक्ष भाजपा गठबंधन की महायुति और विपक्षी दल कांग्रेस गठबंधन की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के बीच सीधा मुकाबला है।
चुनावी जंग के केंद्र में चाचा और भतीजे
हालांकि, चुनावी जंग के केंद्र में चाचा और भतीजे हैं। इस बार का चुनाव पवार परिवार की लड़ाई का गवाह बनेगा। ग्राम पंचायत चुनाव में चाचा पर अजित भारी पड़ चुके हैं। दो साल पहले शिवसेना भी दो-फाड़ हुई थी। दो शिवसेनाओं का नेतृत्व एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। शिंदे मूलतः सतारा जिले से हैं। 2014 और 2019 में यहां भाजपा ने दमदार उपस्थिति दर्ज कराई थी।
कांग्रेस-एनसीपी के कई बड़े नेता अब भाजपा में
कांग्रेस-एनसीपी के कई बड़े नेता अब भाजपा में हैं। वहीं, शिंदे की शिवसेना और अजित का भी साथ मिला है। इससे भाजपा को यहां और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
10 सीटें, चार पर भाजपा
पूर्वी महाराष्ट्र यानी विदर्भ के 11 जिले लोकसभा में 10 सांसद भेजते हैं। वहीं, पश्चिम महाराष्ट्र के 5 जिलों में ही लोकसभा की 10 सीटें हैं। ये सीटें हैं पुणे, मावल, शिरूर, बारामती, सतारा, कोल्हापुर, सांगली, हातकलंगले, माढ़ा और सोलापुर (एससी)। 2019 में भाजपा ने चार सीटों पर कब्जा किया था, जबकि शिवसेना व एनसीपी को तीन-तीन सीटें मिली थीं।
कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला
पिछले दो चुनावों में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला। पश्चिम महाराष्ट्र में मराठा- बनाम-ओबीसी आरक्षण प्रमुख चुनावी मुद्दा होगा। यहां 7 और 13 मई को तीसरे व चौथे चरण में मतदान होगा।
शिवाजी महाराज के वंशज भी मैदान में
छत्रपति शिवाजी महाराज के दो वंशज चुनाव मैदान में हैं। कोल्हापुर से 13वें वंशज और राजर्षि शाहूजी महाराज के प्रपौत्र छत्रपति शाहू महाराज कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। उन्हें शरद पवार का समर्थन है। सतारा से शिवाजी महाराज के ही वंशज भाजपा के उदयनराजे भोसले को अजित पवार का साथ मिला है। शाहू महाराज का मुकाबला मौजूदा शिवसेना सांसद संजय मांडलिक से है। वहीं सतारा में पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण मैदान में है।
सोलापुर सीट से पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी प्रणीति शिंदे का मुकाबला मालशिरस से भाजपा विधायक राम सातपुते से है। बारामती सीट पर शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले और उनकी भाभी अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के बीच मुकाबला है।