ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 की अवधि के लिए फल-फसल बीमा योजना लागू की है। गर्मी और सर्दी के मौसम के बागवान किसानों से आवेदन आमंत्रित किये गये हैं। यह योजना राज्य के कुल 30 जिलों के बगीचों के लिए लागू है और इसके लिए चार कंपनियों का चयन किया गया है।
इस योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण फलों की फसलों को नुकसान होने पर किसानों को बीमा कवर प्रदान करना, अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी किसानों की वित्तीय स्थिरता बनाए रखना, किसानों को नवीन और उन्नत खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने किसानों से इस योजना में भाग लेने की अपील की है।
ये फसलें शामिल
फल फसल बीमा योजना में अनार, संतरा, आम, अमरूद, नींबू, अंगूर, आम, पपीता, काजू , स्ट्रॉबेरी और अंगूर जैसी फसलों को शामिल किया गया है।
चार कंपनियों के माध्यम से क्रियान्वयन
यह योजना चार कंपनियों अर्थात एग्रीकल्चरल इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया, बजाज आलियांज, फ्यूचर जनरल और यूनिवर्सल सोम्पो के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी। इस योजना में खुद की जमीन के अलावा पट्टे पर खेती करने वाले किसान भी भाग लेने के पात्र हैं। बीमा प्रीमियम का 30 फीसदी केन्द्र सरकार 30 फीसदी राज्य सरकार सब्सिडी देगी इसके अलावा राज्य सरकार पांच फीसदी अतिरिक्त बीमा प्रीमियम भरेगी। शेष रकम का 50 फीसदी किसान और 50 फीसदी राज्य सरकार भुगतान करेगी।
न्यूनतम उत्पादक क्षेत्र
इस योजना में, प्रति किसान भागीदारी के लिए कोंकण संभाग के लिए एक फल फसल के तहत न्यूनतम उत्पादक क्षेत्र 10 गुंटा (0.10 हेक्टेयर) होगा और शेष राज्य के लिए न्यूनतम उत्पादक क्षेत्र 20 गुंटा (0.20 हेक्टेयर) होगा।