ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सीबीआई की मुख्य जिम्मेवारी देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की है। भ्रष्टाचार कोई सामान्य अपराध नहीं होता। भ्रष्टाचार गरीब से उसका हक छीनता है, अनेक अपराधों को जन्म देता है। भ्रष्टाचार, लोकतंत्र और न्याय के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होता है। ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान भवन में आयोजित सीबीआई के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि विगत 60 साल में सीबीआई ने एक बहुआयामी और बहु विषयक जांच एजेंसी के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। आज सीबीआई का दायरा बहुत बड़ा हो चुका है। महानगर से लेकर जंगल तक सीबीआई को दौड़ना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि 2014 के बाद सरकार का पहला दायित्व व्यवस्था में विश्वास बहाल करना था और इसलिए बेनामी सम्पत्ति और कालेधन के खिलाफ अभियान चलाया गया। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भ्रष्टाचार ने हमारी अर्थव्यवस्था और बैंकिंग प्रणाली के मूल आधार को नष्ट कर दिया था। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्षों में वर्तमान सरकार ने कठिन परिश्रम करके बैंकिंग क्षेत्र को संकट से बाहर निकाला है। वर्तमान सरकार कालाधन जमा करने वालों और भ्रष्टाचार के मूलभूत कारणों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। सरकार ने व्यवस्थाओं में सर्वोच्च पारदर्शिता सुनिश्चित की है और टू जी तथा फाइव जी स्पैक्ट्रम के आवंटन की प्रक्रिया इसका सुबूत है। पीएम ने कहा कि 2014 तक देश में अविश्वास और नीतिगत कमियों का बोलबाला था और सरकार का प्राथमिक लक्ष्य व्यवस्था में विश्वास बहाल करना और उसका पोषण करना था। सीबीआई की कार्यप्रणाली की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, इस जांच एजेंसी ने अपनी कार्य प्रणाली, आचरण और क्षमताओं के जरिये लोगों का विश्वास अर्जित किया है।
– तीन अफसरों को सर्वोत्कृष्ट अन्वेषण अधिकारी पदक
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सीबीआई के 18 अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्रदान किया। प्रधानमंत्री ने ब्यूरो के तीन अधिकारियों को सर्वोत्कृष्ट अन्वेषण अधिकारी के स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने शिलांग, पुणे और नागपुर में सीबीआई के नवनिर्मित कार्यालय परिसरों का उद्घाटन भी किया। उन्होंने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के हीरक जयंती समारोह के सिलसिले में स्मारक डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सीबीआई के ट्विटर हेंडल का भी उद्घाटन किया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह और सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद थे। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो की स्थापना 1963 में पहली अप्रैल को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के प्रस्ताव के जरिए की गई थी।