ब्लिट्ज ब्यूरो
लंदन। ब्रिटिश सरकार देश में अप्रवासियों की संख्या कम करने में लगी है। इसे देखते हुए उसने सख्त कदम की घोषणा की है। इसमें विदेशी श्रमिकों के लिए स्किल के आधार पर वीजा पाने के लिए वेतन सीमा तय करना और परिवार के सदस्यों को अपने आश्रित के रूप में ब्रिटेन लाने पर रोक लगाना शामिल है। यह फैसला भारतीयों पर सीधे तौर पर असर डालने वाला है क्योंकि हर साल हजारों भारतीय यूके जाते हैं। ब्रिटेन के ब्रिटेन के गृह सचिव जेम्स क्लेवरली ने ब्रिटिश संसद के निम्न सदन में इससे जुड़ा बयान दिया।
इस कार्रवाई के तहत स्वास्थ्य और देखभाल वीजा पर डॉक्टर अब अपने परिवार के किसी भी सदस्य को अपने साथ नहीं ला सकेंगे। इस फैसले का असर भारतीयों पर भी पड़ेगा। कुशल श्रमिक वीजा के माध्यम से ब्रिटेन आने के लिए आवेदन करने वालों के लिए वेतन सीमा वर्तमान 26,200 ब्रिटिश पौंड से बढ़ाकर 38,700 ब्रिटिश पौंड कर दी जाएगी। पारिवारिक वीजा श्रेणी के तहत आवेदन करने वालों पर भी समान वेतन राशि लागू होगी, जो वर्तमान में 18,600 पौंड है। ‘आव्रजन नीति निष्पक्ष, सुसंगत, कानूनी और टिकाऊ होनी चाहिए।’
ब्रिटिश वीजा लेने में भारतीयों का दबदबा
एक रिपोर्ट के मुताबिक यूके के गृह विभाग के डेटा से पता चलता है कि भारतीय वीजा लेने में स्किल्ड वर्कर के साथ-साथ मेडिकल प्रोफेशनल और छात्रों की लिस्ट में भी टॉप पर हैं। कुशल श्रमिक वीजा में पिछले वर्ष सिर्फ 9 फीसदी की मामूली वृद्धि देखी गई। लेकिन स्वास्थ्य और देखभाल के वीजा में 135 फीसदी बढ़ोतरी देखी गई। इसमें भारतीय आवेदकों की कुल संख्या 76 फीसदी बढ़ी है।