लखनऊ। उत्तर प्रदेश में परिवहन निगम आपके सफर को ही नहीं‚ बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण को भी सुविधाजनक बना रहा है। यूपी रोडवेज में महिला कंडक्टर्स को शामिल करने के बाद अब इन्हें ड्राइविंग सीट भी दी जा रही है। प्रदेश की बेटियां अब यूपी की परिवहन सेवा की स्टियरिंग भी संभाल रही हैं।
पिछले वर्ष हुई शुरुआत
2022 में यूपी रोडवेज ने पहली बार रोडवेज बस की ड्राइविंग सीट पर किसी महिला ड्राइवर को बैठाया था। यह सफर अब आगे बढ़ चुका है। ड्राइविंग सीट हो‚, कंडक्टर की सीट हो या कोई भी अन्य विभागीय काम,‚ प्रदेश की महिलाएं हर जगह महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाल रही हैं। ये इस बात का प्रतीक है कि उत्तर प्रदेश में नारी शक्ति को आत्मनिर्भर,‚ स्वावलंबी और सशक्त बनाने के प्रयास का असर अब धरातल पर दिखने लगा है।
प्रियंका पहली महिला बस चालक
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार 1 दिसंबर 2022 को प्रियंका शर्मा उत्तर प्रदेश की पहली रोडवेज बस ड्राइवर बनीं। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा नियुक्त 26 महिला ड्राइवरों में से प्रियंका भी एक हैं।
24 महीनों की ट्रेनिंग
ये सभी महिला ड्राइवर कौशल विकास मिशन के तहत मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट से 24 महीनों की ट्रेनिंग लेकर स्टियरिंग संभाल रही हैं। हल्के और भारी वाहनों को चलाने में निपुण इन महिलाओं को प्रदेश के अलग–अलग डिपो में तैनाती दी गई है। इन्हें इनके गृह जनपद के डिपो में 17 महीने तक बसों को चलाने का मौका दिया गया है‚ जिसके बाद बतौर संविदा चालक रोडवेज में भर्ती सुनिश्चित की गई।
कौशल विकास मिशन
प्रदेश में अपनी तरह की यह अनूठी शुरूआत कौशल विकास मिशन और रोडवेज के संयुक्त प्रयास से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आठ मार्च 2020 को की गई थी। इसके तहत इन्हें 200 घंटे की हल्के वाहन (एलएमवी) की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद इन्हें 400 घंटों की हैवी वाहन यानी बस (एचएमवी) की ट्रेनिंग दी गई। इस प्रशिक्षण में नियमित कक्षाएं लगीं और इंटरव्यू व प्रैक्टिकल भी शामिल रहा।