ब्लिट्ज ब्यूरो
बेंगलुरू। ट्विटर को कर्नाटक हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सरकार के एक आदेश के खिलाफ ट्विटर की याचिका को खारिज कर दिया है, साथ ही उस पर 50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
दरअसल सरकार ने आईटी नियमों के तहत ट्विटर को कुछ अकाउंट्स हटाने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ ट्विटर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अपने फैसले में ट्विटर की याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा, ‘हम इस बात से सहमत है कि सरकार के पास ट्वीट के साथ-साथ अकाउंट्स को हटवाने की ताकत है। मामले पर कोर्ट ने अप्रैल में ही फैसला कर लिया था लेकिन तब ऑर्डर को रिजर्व रखा गया था। पिछले साल जुलाई में ट्विटर ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। तब सरकार ने बिना किसी नोटिस के 39 ट्विटर अकाउंट्स को हटाने का आदेश दिया था। ट्विटर ने इस आदेश को बहुत कठोर और असंगत बताया था।
क्या कहता है आईटी एक्ट
आईटी एक्ट के मुताबिक केंद्र या इसके किसी अधिकार प्राप्त अधिकारी के पास यह ताकत है कि वो भारत की अखंडता और संप्रभुता, रक्षा, दूसरे देशों के साथ मित्रवत ्संबंध, सार्वजनिक कानून-व्यवस्था या किसी संज्ञेय अपराध के उकसावे को रोकने को आधार बनाकर इंफॉर्मेशन तक पहुंच को रोक सकता है। केंद्र ने अपने तर्क में ट्विटर के विदेशी कंपनी होकर भारत सरकार के आदेश को चुनौती देने की वैधता पर सवाल उठाए थे। भारतीय नागरिक को ही संविधान के आर्टिकल 19 में निहित बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी का मौलिक अधिकार मिला है जबकि ट्विटर न तो एक भारतीय व्यक्ति है और न ही यह भारत में रजिस्टर्ड कंपनी है।
डॉर्सी प्रकरण के बाद आया फैसला
कोर्ट का ये फैसला ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी के उस आरोप के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2021 में किसान विरोध प्रदर्शनों से निपटने के लिए आलोचना करने वाले अकाउंट्स को प्रतिबंधित करने के आदेशों का पालन नहीं करने पर देश में सोशल मीडिया को बंद करने की धमकी दी गई थी। सरकार ने डॉर्सी के इस आरोप को झूठा बताया था।