नई दिल्ली। सफलता और खुशियों का मापदंड बड़ी कंपनी का बड़ा पैकेज या सरकारी नौकरी नहीं होती बल्कि यह वह काम है जिसे करने में आपको खुशी मिलती है। ये पंक्तियां चरितार्थ होती हैं उत्तराखंड के अल्मोड़ा की बेटी तृप्ति भट्ट पर।
इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद तृप्ति भट्ट के सामने कई ऑप्शन थे। उनका कई सरकारी और गैर-सरकारी दिग्गज कंपनियों में बड़े पैकेज पर चयन हुआ, जिन्हें वे ठुकराती रहीं। तृप्ति भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र यानी इसरो तक के ऑफर को रिजेक्ट कर चुकी थी। तृप्ति ने इसरो सहित छह सरकारी नौकरियों की परीक्षाएं पास कीं और प्रतिष्ठित निजी संस्थानों से भी कई ऑफर लेटर प्राप्त किए। लेकिन उसकी चाहत कुछ और थी। वह आईपीएस अधिकारी बनने का सपना देखती थीं।
इंजीनियरिंग के बाद तृप्ति भट्ट ने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में165वीं रैंक हासिल की और आईपीएस बन गईं ं।