ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। देश में बनी पहली मोनो रेल अगले महीने से यात्रियों की सेवा में उपलब्ध होगी। मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने देशी मोनो का ट्रायल रन शुरू कर दिया है। देशी मेट्रो को रात के समय मोनो के मार्ग पर दौड़ा कर उसकी टेस्टिंग का काम चल रहा है।
ब्रेक सिस्टम की टेस्टिंग
मौजूदा समय में मोनो की नई ट्रेन के ब्रेक सिस्टम की टेस्टिंग चल रही है। एमएमआरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आगामी दो से तीन सप्ताह में मोनो की नई ट्रेन की टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
कब से उपलब्ध होगी सेवा?
मॉनसून के आगमन से पहले मोनो की नई ट्रेन यात्री सेवा में उपलब्ध होगी। ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम के तहत हैदराबाद में देश की पहली मोनो रेल का निर्माण हुआ है। कुछ दिन पहले ही सड़क मार्ग से यह ट्रेन मुंबई पहुंची थी। मौजूदा समय में एमएमआरडीए के पास मोनो की 8 ट्रेनें मौजूद हैं। 8 में से 6 ट्रेन का इस्तेमाल यात्री सेवा में होता है, जबकि दो ट्रेन स्टैंड बाय में रहती हैं।
10 नई ट्रेन का ऑर्डर
एमएमआरडीए ने मोनो सेवा में सुधार करने के लिए 10 नई ट्रेन का ऑर्डर दिया है। एक ट्रेन मुंबई पहुंच चुकी है, जबकि 9 और ट्रेन दिसंबर तक मुंबई पहुंचने की उम्मीद है। जानकारी मुताबिक, दो और मोनो रेल का निर्माण पूरा हो चुका है। आगामी दो महीने में यह ट्रेन मुंबई पहुंच जाएगी। 2014 में मोनो रेल की शुरुआत हुई थी। मोनो का संचालन आरंभ होने के बाद से इसके बेड़े में कोई नई ट्रेन शामिल नहीं हुई है। नई रेक के नहीं आने के कारण यात्रियों को मोनो से सफर करने के लिए प्लेटफॉर्म पर लंबा इंतज़ार करना पड़ता है।
पीक ऑवर में राहत
मौजूदा समय में मोनो रेल की सेवा हर 15 मिनट के अंतराल पर उपलब्ध है। वहीं नई रेक के सेवा में शामिल होने के बाद करीब 10-12 मिनट में मोनो रेल की सेवाएं उपलब्ध होंगी। जानकारी के अनुसार मोनो से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या कम होने की वजह से मोनो की नई रेक का इस्तेमाल केवल पीक ऑवर के दौरान ही होगा। मोनो की और रेक के मुंबई पहुंचने और यात्रियों की संख्या में इजाफा होने के बाद सामान्य समय में भी मोनो की फेरियां बढ़ाई जाएंगी। चेंबूर से संत गाडगे महाराज चौक (सात रास्ता) के बीच मोनो रेल का संचालन होता है।
142 फेरियों का संचालन
20 किमी के मार्ग पर रोजाना करीब 142 फेरियों का संचालन होता है। रोजाना करीब 16 हजार यात्री मोनो से सफर करते हैं।
…ताकि प्रभावित न हो सप्लाई
मोनो रेल प्रोजेक्ट के आरंभ में सभी ट्रेन विदेश से मंगवाई गई थीं, लेकिन मोनो सेवा शुरू होने के कुछ समय बाद विदेशी कंपनी ने मोनो ट्रेन के रख-रखाव और नई ट्रेन की सप्लाई रोक दी थी। नतीजतन पिछले 10 वर्ष में एक भी नई ट्रेन मोनो के बेड़े में शामिल नहीं हो पाई थी। विश्व की कुछ ही गिनी-चुनी कंपनियां हैं, जो मोनो ट्रेन का निर्माण करती हैं। इनमें भी अधिकतर चीन की कंपनियां हैं। भविष्य में दोबारा ट्रेन की सप्लाई बाधित न हो, इसलिए देश में ही मोनो ट्रेन तैयार की गई है।