ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। मुंबई के निकट ‘तीसरी मुंबई’ बसाने की तैयारी की जा रही है। महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने ‘तीसरी मुंबई’ विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य मुंबई की बढ़ती आबादी के लिए बेहतर आवास, परिवहन सुविधाएं और बुनियादी ढांचा प्रदान करना है।
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रस्तावित नया शहर नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास बनाया जाएगा जो मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) यानि अटल बिहारी वाजपेयी सेवरी-न्हावाशेवा अटल सेतु से मुंबई शहर से जुड़ा होगा। मुंबई के निकट 350 वर्ग किमी में बसाया जाएगा नया शहर।
टाउन डेवलपमेंट अथॉरिटी बनेगी
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘तीसरी मुंबई’ के संबंध में जल्द ही मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) की सीमाओं को संशोधित करने का आदेश मिलने की संभावना है। ‘तीसरी मुंबई’ के लिए न्यू टाउन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एनटीडीए) बनेगी।
350 वर्ग किमी में फैले इस शहर में उल्वे, पेन, पनवेल, उरण, कर्जत और आसपास के कुछ क्षेत्र शामिल होंगे। नवी मुंबई एयरपोर्ट के करीब के 80-90 गांवों सहित लगभग 200 गांवों के भी ‘तीसरी मुंबई’ का हिस्सा बनने की संभावना है।
लक्जरी और किफायती, दोनों आवासीय क्षेत्र
नए शहर की योजना आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और देश की जीडीपी में योगदान देने के लिए बनाई गई है। नए शहर में सब कुछ होगा। ‘तीसरी मुंबई’ में अच्छी तरह से विकसित शहर में होने वाले सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे होंगे जिनमें लक्जरी और किफायती दोनों आवासीय क्षेत्र, वाणिज्यिक परिसर, डेटा सेंटर से लेकर बड़े नॉलेज पार्क और वित्तीय कंपनियां होंगी। मुंबई लोकल की तरह ही इसमें एक मजबूत सार्वजनिक परिवहन की भी व्यवस्था की जाएगी।
– हाईटेक सड़कें, न सिगनल-न ही चौराहा
12 हजार करोड़ खर्च होंगे सड़कों पर
यह एक ऐसा हाईटेक शहर होगा जहां न सिग्नल होगा और न ही चौराहा।
ये शहर मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) के माध्यम से मुंबई से जुड़ा होगा। इसके लिए सिडको 12 हजार करोड़ रुपये खर्च कर सड़कें बनाने जा रही है। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद टेंडर निकाला जायेगा। सड़कें सीधी रेखा में होंगी और जहां भी जरूरत होगी, वहां फ्लाईओवर या अंडरपास बनाए जाएंगे।
निजी कंपनी को काम पर रखा गया
सिडको अब नैना क्षेत्र में विकास कार्य चरणों में नहीं, बल्कि एक चरण में करेगा। इसे डिजाइन करने के लिए सिडको ने एक निजी कंपनी को काम पर रखा है। इस पूरे काम पर सिडको को करीब 12 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है।
नया बीकेसी बनाने की योजना
एक अधिकारी के मुताबिक, खारघर में दूसरा बीकेसी (बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स) विकसित करने की योजना है। इसे पूरी तरह से व्यावसायिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने की योजना है, जो लगभग 150 हेक्टेयर में फैला होगा। जहां भारतीय कंपनियों के साथ ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दफ्तर हो सकते हैं। पिछले महीने एमएमआरडीए ने आर्थिक और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए मुंबई के आसपास नए क्षेत्र स्थापित करने की आवश्यकता पर चर्चा की थी।