डॉ. सीमा द्विवेदी
मुंबई । भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत पर्यावरण और जलवायु स्थिरता कार्य समूह (ईसीएसडब्ल्यूजी) की तीसरी बैठक मुंबई में आयोजित हुई। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार तीन दिवसीय बैठक में जी20 देशों के 141 प्रतिनिधियों और 10 आमंत्रित देशों ने भागीदारी की। 14 अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया।
ईसीएसडब्ल्यूजी बैठक की तीन प्राथमिकताएं रहीं-भूमि क्षरण को रोकना, एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और नीली अर्थव्यवस्था को गति देना। सभी बैठकें इन तीन विषयों के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित रहीं। बैठक के पहले दिन मेगा बीच क्लीन अप इवेंट और ओशन 20 डायलॉग- का आयोजन किया गया। मुंबई के जुहू बीच पर हुए इस आयोजन में तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 20 देशों और 37 भारतीय समुद्र तटीय शहरोंं की भागीदारी रही। लोगों को संवेदनशील बनाने और जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजित विशाल अभियान ‘स्वच्छता’ और ‘जन भागीदारी’ प्रधानमंत्री के संदेश के अनुरूप रही। समुद्र तटों को साफ रखने की प्रतिज्ञा के साथ यह संदेश दिया गया कि समुद्र तट की सफाई का कार्यक्रम न केवल टिकाऊ तटीय प्रबंधन और समुद्री अर्थव्यवस्था की अभिव्यक्ति है, बल्कि समुद्री प्रदूषण के बड़े मुद्दे और हमारे अपने व्यवहार से बहुत निकटता से जुड़ा हुआ है। भारत में इस कार्यक्रम में करीब 16,000 उत्साही स्वयंसेवकों ने भागीदारी की।
– तीन विषयों पर चला गहन मंथन, जनभागीदारी को सबसे अहम माना
‘द ओशन 20 डायलॉग’
इसमें अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ, नवोन्मेषक, समुदाय के प्रतिनिधि, नीति निर्माता और उद्योग के नेता एक मंच पर आए और विज्ञान-प्रौद्योगिकी-नवाचार-संचालित समाधानों, प्रभावी और समावेशी नीति और शासन से जुड़ी चुनौतियों और विकास के रास्ते से संबंधित पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नीली अर्थव्यवस्था के प्रयासों का समर्थन करने के लिए वित्त तंत्र स्थापित करने पर सहमति जताई गई। दूसरे दिन की शुरुआत केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री कपिल एम पाटिल के उद्घाटन भाषण से हुई, जिन्होंने मेगा बीच क्लीन अप इवेंट की शानदार सफलता पर वर्किंग ग्रुप को बधाई दी ।
महासागरों का सतत प्रबंधन
महासागरों के सतत प्रबंधन एवं समुद्री जैव विविधता संरक्षण के लिए अत्याधुनिक समाधान विकसित करने के लिए जी-20 देश सहयोग में वृद्धि करने पर एकमत से सहमत हुए। बैठकों में सामूहिक वैश्विक प्रयासों की तत्काल आवश्यकता एवं वर्तमान परिस्थितियों को सही बनाए रखने के लिए तत्काल कार्रवाई पर बल दिया गया। जुलाई में चेन्नई में होने वाली चौथी और अंतिम ईसीएसडब्ल्यूजी बैठक को लेकर तीसरी बैठक में गंभीर और व्यापक चर्चा हुई । अगले कुछ हफ्तों में निर्धारित आभासी बैठकों में तीसरी ईसीएसडब्ल्यूजी बैठक के निष्कर्षों को आगे विचार-विमर्श करके और परिष्कृत किया जाएगा। चौथी बैठक 26-27- 28 जुलाई को होगी।