ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। जी20 सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन व वायु प्रदूषण पर भी लंबी चर्चा हुई। भारत की ओर से कहा गया कि वायु प्रदूषण और जीवाश्म ईंन्धन को लेकर वैश्विक स्तर पर एक जैसे प्रयास होने चाहिए। साथ ही इन मुद्दों पर हमें अशक्त देशों को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहिए।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस ने भी सहमति जताई। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष घाना में वायु प्रदूषण को लेकर वैश्विक सम्मेलन होगा जिसमें प्रभावित देशों और उनकी नीतियों पर विचार किया जाएगा।
बैठक में भारत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों के हवाले से यह भी बताया गया कि इस साल जून से अगस्त के बीच 202 देशों में जलवायु परिवर्तन सूचकांक (सीएसआई) उच्च स्तर पर रहा। चर्चा में कनाडा की उस भीषण आग का भी जिक्र किया गया, जिसकी वजह से दक्षिणी गोलार्द्ध के कुछ हिस्सों में ठंड की जगह तापमान सामान्य देखा गया है।
चुनौतियों का समाधान जरूरी
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वैश्विक दक्षिण क्षेत्र वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन, दोनों को लेकर काफी चुनौतियों का सामना कर रहा है। इसका नुकसान पश्चिमी और मध्य-पूर्वी देशों को भी हो रहा है। भारत ने अपने मेहमानों से कहा कि एक बेहतर भविष्य के बारे में हम चर्चा कर रहे हैं तो इन दो अहम विषयों को अलग नहीं रखा जा सकता। यह मंच इसलिए भी अहम है क्योंकि यही देश मिलकर वैश्विक अर्थव्यवस्था में करीब 80 फीसदी का योगदान करते हैं। इस पर सभी देशों ने काफी दिलचस्पी ली है।
150 करोड़ लोगों ने किया अनुभव
जी20 देशों ने जलवायु परिवर्तन पर जिन अध्ययनों के साथ चर्चा की, उनमें से एक हाल ही में जारी न्यू जर्सी की रिपोर्ट है। इसमें कहा गया है कि इस साल जून से अगस्त के बीच दुनिया के 150 करोड़ लोगों ने जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी का अनुभव किया है। सबसे अधिक गर्मी 16 अगस्त, 2023 को दर्ज की गई। रिपोर्ट ने जलवायु परिवर्तन की असमानता पर भी ध्यान केंद्रित किया है। इसके अनुसार संयुक्त राष्ट्र के सबसे कम विकसित देशों ने 47 दिन और विकासशील देशों ने करीब 65 दिन अत्यधिक तापमान का सामना किया है।
विकासशील देशों पर सर्वाधिक संकट
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा, अफ्रीकी संघ को समूह के सदस्य के रूप में स्वीकार करने से वैश्विक पुनर्निर्माण, निम्न-कार्बन का लक्ष्य पाने, जलवायु परिवर्तन से निपटने और टिकाऊ समाज बनाने की ओर बढ़ने का अवसर मिलेगा।
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक मुहिम के लिए कार्यबल : ब्राजील
ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने कहा, हमारी जी20 अध्यक्षता के दौरान जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक मुहिम के लिए एक कार्यबल बनाया जाएगा। हम चुनौतियां कम करने, अनुकूलन, हानि, क्षति एवं वित्तपोषण के बीच संतुलित जलवायु एजेंडे के साथ ग्रह की स्थिरता और लोगों की गरिमा सुनिश्चित करते हुए 2025 में ‘सीओपी-30’ तक पहुंचना चाहते हैं। ब्राजील को इसमें हर किसी की भागीदारी की उम्मीद है ताकि पृथ्वी की सुंदरता सिर्फ ‘अंतरिक्ष से ली गई तस्वीर’ न रह जाए।