ब्लिट्ज ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। ग्रेनो अथॉरिटी अपने एरिया में स्थित गांवों के विकास कार्यों पर 200 करोड़ खर्च करेगी। ग्रेनो अथॉरिटी ने इसकी कार्य योजना भी तैयार कर ली है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद निविदा जारी कर विकास कार्य शुरू करा दिए जाएंगे। साथ ही गांवों में साफ सफाई का अधिकारी मौके पर जाकर निरीक्षण करेंगे। बारिश से पहले नाली, सड़क आदि कार्य पूरा कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
गांवों की व्यवस्थाएं खराब होने की शिकायतें
ग्रेनो अथॉरिटी में ग्रामीणों की ओर से गांवों की व्यवस्थाएं खराब होने की शिकायतें आती रहती हैं। हाल ही में एच्छर और कासना गांव के लोगों ने भी सीईओ से मिलकर गांवों की स्थिति से अवगत कराया था। अथॉरिटी के अधिसूचित क्षेत्र के गांव में बिजली, पानी, नाली, सीवर, सड़क सहित सभी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी ग्रेनो प्राधिकरण की ही है।
सिर्फ दावे, हालात खराब
क्षेत्र में ग्राम पंचायत की व्यवस्था समाप्त होने के बाद ग्रामीण पूरी तरह प्राधिकरण पर मेंटिनेंस कार्यों के लिए निर्भर हैं। प्राधिकरण द्वारा समय- समय पर विकास कार्य कराए जाने का दावा किया जाता है, लेकिन स्थिति में ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। एच्छर गांव के रहने वाले ब्रजेश भाटी ने बताया कि गांव में नियमित रूप से साफ सफाई नहीं होने से चारों तरफ गंदगी फैली हुई है।
इस संबंध में लिखित शिकायत की। गांवों के विकास को लेकर प्राधिकरण पर हमेशा से भेदभाव का आरोप लगता रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि सफाईकर्मी गांव में जाते हैं और खानापूर्ति करके चले आते हैं। ऐसे में कूड़े का ढेर लगा हुआ है।
प्राधिकरण के अधिकारी गांवों को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किए जाने की बात करते हैं। इस पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का बजट खर्च किया जाता है। ग्रेनो अथॉरिटी के अधिकारियों का कहना है कि गांवों के विकास कार्य कराने के लिए अथॉरिटी ने 200 करोड़ की की कार्ययोजना तैयार की है। इसका काम शुरु होने के बाद व्यवस्था में खासा सुधार हो जाएगा।