ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। रियल एस्टेट सेक्टर में बिल्डरों और बिचौलियों की मनमानी रोकने के लिए महाराष्ट्र रियल एस्टेट नियामक (महारेरा) के सख्त रुख से इंडस्ट्री की तस्वीर बदलना शुरु हो गई है। एस्टेट एजेंट बनने लिए महारेरा की परीक्षा पास करना अनिवार्य हो गया। इसके बाद तो रियल एस्टेट शिक्षण संस्थानों में बहार आ गई है। बेहतर भविष्य की बढ़ती आस में युवाओं का भी रुझान रियल एस्टेट की तरफ बढ़ा है।
20 हजार रियल एस्टेट ब्रोकर का पंजीकरण निलंबित हुआ
पिछले महीने महारेरा ने 20 हजार रियल एस्टेट ब्रोकर का पंजीकरण निलंबित कर दिया। इससे राज्य में पंजीकृत एजेंट की संख्या केवल 13,000 रह गई है। महारेरा एक्ट के तहत सिर्फ पंजीकृत ब्रोकर्स ही काम कर सकते हैं।
लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराने पर पंजीकरण रद
नियामक ने 2017 में संपत्ति लेनदेन के लिए बिचौलियों का पंजीकरण शुरू किया था। उसके पास कुल 47,000 एजेंट पंजीकृत थे। इस साल की शुरुआत में उसने अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराने पर 13,785 एजेंट का पंजीकरण रद कर दिया था।
बिचौलियों पर बड़ी कार्रवाई
नियामक ने एक बार फिर बिचौलियों पर बड़ी कार्रवाई की जिसके बाद राज्य में पंजीकृत एजेंट की संख्या केवल 13,000 रह गई है। रेरा में एजेंट के रूप में रजिस्टर्ड होने के लिए यह परीक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया । नए एजेंट के साथ ही पुराने एजेंट के लिए भी कोर्स अनिवार्य है। परीक्षा में बैठने के लिए करीब 20 घंटे का ऑनलाइन या ऑफलाइन कोर्स पूरा करना होगा।
कई संस्थानों ने कोर्स तैयार किये
एजेंटों को प्रशिक्षित करने के लिए बिल्डरों की संस्था के साथ कई संस्थानों ने कोर्स तैयार किये हैं। पुणे में अपने परिसर से रियल एस्टेट शिक्षा में कई पाठ्यक्रम चलाने वाली इंस्टीट्यूट ऑफ रियल एस्टेट एंड फाइनेंस ने मुंबई महानगरीय क्षेत्र में 10 शिक्षण संस्थान शुरु करने की योजना तैयार की है।
एनारॉक के साथ मिलकर खुलेंगे संस्थान
रियल एस्टेट फर्म एनारॉक के साथ मिलकर ये संस्थान खोले जाने हैं। जहां रियल एस्टेट एजेंटों के साथ कॉलेज मंं पढ़ने वाले युवाओं को भी रियल एस्टेट सेक्टर की शिक्षा दी जाएगी। यहां पढ़ने वाले युवाओं को नौकरी दिलाने और सिलेबस तैयार करने की जिम्मेदारी एनारॉक की है जबकि प्रशिक्षण आईआरईएफ देगा।
इंस्टीट्यूट ऑफ रियल एस्टेट एंड फाइनेंस (आईआरईएफ) के संस्थापक एवं और निदेशक डॉ. अभय कुमार कहते हैं कि भारत में रियल एस्टेट सेक्टर में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिला है। नए नियमों और प्रोत्साहन योजनाओं के साथ, भारत एक परिपक्व रियल एस्टेट बाजार की ओर बढ़ रहा है।
रेरा की सख्ती की वजह से पिछले एक साल में उनके यहां से करीब 12 हजार लोगों ने सर्टिफिकेट का कोर्स किया जबकि इसके पहले इनकी संख्या मुश्किल से 100 होती थी। अभय कहते हैं कि आज इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं जिसमें युवा अपना बेहतर भविष्य तलाश रहे हैं, यही वजह है कि युवाओं के बीच रियल एस्टेट में सर्टिफिकेट, डिग्री और एमबीए करने की ललक बढ़ी है।
आईआरईएफ के प्रबंध निदेशक कुणाल झा कहते हैं कि हमने एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के साथ मिलकर कॉर्पोरेट शिक्षा और भर्ती कार्यक्रम शुरू किया। हर राज्य में मांग है और बेहतर पैकेज भी मिल रहा है। यह क्षेत्र शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैल रहा है।
उद्योग में कुशल पेशेवरों की खूब मांग है। रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों को मजबूत करने की चल रही परियोजनाओं के कारण इंडस्ट्री में बूम है और यही वजह है कि कुशल रियल एस्टेट पेशेवरों की मांग पहले कभी इतनी अधिक नहीं थी जितनी अब है।
रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में मिलने वाला कुल रोजगार पिछले कैलेंडर वर्ष में बढ़कर 7.1 करोड़ हो गया, जबकि 2013 में यह आंकड़ा चार करोड़ था। इस तरह पिछले 10 साल में उद्योग ने तीन करोड़ से अधिक नयी नौकरियां दीं।
रिपोर्ट के अनुसार, नरेंद्र मोदी सरकार के कई नीतिगत सुधारों से समर्थन पाकर आवास क्षेत्र ने स्वस्थ वृद्धि दर्ज की, जिसके चलते रोजगार के मौके भी तेजी से बढ़े।