ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। बर्फ की विशाल चादरें देखने में अच्छी तो लगती हैं लेकिन उनके नीचे तबाही छिपी है। अब जब बर्फ की चादरें पिघल रही हैं तो खतरा बढ़ गया है। वैज्ञानिकों ने जो चेतावनी जारी की है वो चिंता बढ़ाने वाली है। यहां हम बात कर रहे हैं ऑर्कटिक आइस कैप के बारे में। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऑर्कटिक के विशाल हिमखंडों के नीचे जोंबी वायरस जो करीब पचास हजार साल पहले दफन हो चुके थे, वो अब तबाही मचाने के लिए सिर उठा रहे हैं। ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक ये वायरस वैश्विक स्तर पर तबाही मचा सकते हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जिस तरह से ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से बर्फ पिघल रही है, उसकी वजह से चिंता बढ़ गई है। पिछले साल साइबेरिया के कुछ इलाकों से सैंपल लिए गए थे । उन सैंपलों से पता चला है कि जोंबी वायरस जो हजारों सालों से बर्फ के नीचे दबे हुए थे, वो अब धीरे धीरे एक्टिव हो रहे हैं।
एक्स मार्सिल यूनिवर्सिटी के जेनेटिक विशेषज्ञ जीन माइकल क्लेवरी बताते हैं कि पहले ग्लोब के दक्षिणी इलाकों से ये तबाही मचाना शुरू करेंगे और धीरे धीरे उत्तरी इलाके चपेट में आ जाएंगे। हालांकि एक थ्योरी यह भी है कि ये पहले ग्लोब के उत्तरी हिस्से में कहर मचाएंगे और उसके बाद ग्लोब के दक्षिणी हिस्सों को चपेट में लेंगे।