ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार कंझावला में 920 एकड़ भूमि में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करेगी। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी में औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विस्तार और अवैध औद्योगिक इकाइयों को गैर-औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने से रोकने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह दिल्ली का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र होगा। इसी के साथ उपराज्यपाल ने बापरौला गांव में अतिरिक्त 300 एकड़ भूमि को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने का मार्ग भी प्रशस्त किया है। सरकार की योजना बापरौला में दिल्ली इलेक्ट्रॉनिक सिटी बनाने की है। औद्योगिक विकास के लिए दोनों क्षेत्र 1220 एकड़ भूमि में तैयार होंगे। दोनों क्षेत्रों से 5.8 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
चार लाख को परोक्ष रोजगार
लगभग चार लाख लोग परोक्ष रोजगार पाएंगे। दिल्ली इंडस्टि्रयल डेवलेपमेंट ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस (डीआईडीओएम) अधिनियम 2010 के प्रावधानों के अनुसार दिल्ली स्टेट इंडस्टि्रयल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कार्पोरेशन (डीएसआईआईडीसी) कंझावला में औद्योगिक विकास को मजबूत करेगा। वहीं, उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के उद्योग विभाग को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के परामर्श से बापरौला में उपलब्ध भूमि के उपयोग को औद्योगिक क्षेत्र में बदलने का निर्देश दिया है। बापरौला में 300 एकड़ भूमि में से डीएसआईआईडीसी के पास 137.63 एकड़ भूमि है, जिसमें से मात्र 55.20 एकड़ भूमि का उपयोग औद्योगिक क्षेत्र के रूप में हो रहा है। ऐसे में शेष 82.43 एकड़ भूमि के उपयोग को बदलने और ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2021 में डीडीए द्वारा औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अधिसूचित करने की जरूरत है।
औद्योगिक क्षेत्र अधिसूचित होगा
उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद कंझावला को डीआईडीओएम अधिनियम 2010 के तहत एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। कंझावला और बापरौला औद्योगिक क्षेत्र के विकास से राजधानी में नियमित औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे वाणिज्यिक व आवासीय क्षेत्रों में अक्सर दुर्घटनाओं और अनियंत्रित प्रदूषण का कारण बनने वाली सैकड़ों औद्योगिक इकाइयों के अवैध संचालन पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा। औद्योगिक क्षेत्रों के विकास में प्रदूषणरोधी उपायों, बुनियादी सुविधाओं का अपग्रेडेशन, प्रबंधन, संचालन एवं रखरखाव शामिल हैं।
डीएसआईआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र में रोड नेटवर्क, सीवेज, जल निकासी व्यवस्था, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, बागवानी विकास, अग्निशमन प्रणाली, बिजली, दूरसंचार और अन्य सेवाओं का निर्माण करेगा।
– इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का डिजाइन, निर्माण और बिक्री
-सूचना प्रौद्योगिकी और संबंधित इकाइयां
-फूड प्रोसेसिंग, मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक्स
-दूरसंचार, कपड़ा, बिजली के सामान एवं उपकरण
-ऑटोमोबाइल, फर्नीचर और मशीनरी