ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। अयोध्या और काशी के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार की नजर मथुरा की सांस्कृतिक धरोहर को समृद्ध बनाने पर है। अब वृंदावन और मथुरा से जुड़ी हुई सांस्कृतिक, धरोहर को पीपीपी मॉडल के माध्यम से विस्तार दिया जाएगा। मथुरा वृंदावन भारतीय संस्कृति का एक बहुत बड़ा केंद्र है यहां पर एक हेरिटेज कॉरिडोर बनाने की योजना स्वीकृत की गई है।
12 सौ हेक्टेयर में यह बनाई जायेगी। यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) यमुना एक्सप्रेस वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनवाने जा रहा है। ये 100 मीटर चौड़ा होगा। यीडा के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के किनारे अपने कल्चरल हेरिटेज मथुरा के ब्रिज क्षेत्र को दिखाने के लिए एक पूरा एरिया विकसित किया जाएगा। वृंदावन और मथुरा से जुड़ी हुई हमारी सांस्कृतिक, फिलोसॉफिकल धरोहर को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है।
जमीन प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी
मथुरा में यमुना प्राधिकरण का एक अर्बन नोट स्वीकृत हुआ है जिसके अनुसार वहां पर एक हेरिटेज कॉरिडोर बनाने की योजना है। इसकी ग्लोबल टेंडरिंग होगी और पीपीपी मॉडल रखा जाएगा। एक्सप्रेस वे का खर्चा प्राधिकरण वहन करेगा और जो पीपीपी डेवलपर होगा, बाकी व्यवस्थाएं उसके द्वारा की जाएंगी।
इसके लिए जमीन प्रदेश सरकार उपलब्ध कराएगी। यमुना एक्सप्रेस वे से बांके बिहारी मंदिर को सीधे जोड़ने के लिए छह किमी लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बनवाया जाएगा। ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे के किनारे म्यूजियम के साथ-साथ द्वापर काल से जो गांव थे जैसे नंदगांव, बरसाने, गोकुल भी विकसित होंगे जो पूरी तरह से श्रीकृष्ण के जीवन की झलकियां दर्शाएंगे।
रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का भी कांसेप्ट
डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि इसके अलावा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का कांसेप्ट है। साथ ही साथ कथा वाचनालय केंद्र बनेंगे। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे पहले बांके बिहारी मंदिर को और इसी एक्सप्रेस वे से एक मार्ग निकालकर द्वारकाधीश मंदिर को जोड़ा जाएगा। इसको जोड़ने से लोगों को सुगमता हो जाएगी और वृंदावन पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। इससे पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में आसानी होगी। यहां पार्किंग के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।