ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि निजी बिल्डरों के लिए केंद्र सरकार के हितों से समझौता नहीं कर सकते। यह बात कोर्ट ने पुणे के डीआरडीओ के लैबोरेटरी परिसर में अवैध निर्माण को गिराने का निर्देश देते हुए कही।
डीआरडीओ से जुड़ी अथॉरिटी ने बिल्डरों को नोटिस जारी किया था, क्योंकि उन्होंने लैब के 500 यार्ड के दायरे में निर्माण कार्य किया था। नोटिस के खिलाफ बिल्डरों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। शुरुआत में याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत मिली थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस गौतम पटेल की बेंच ने पाया कि याचिकाकर्ता ने सही तथ्यों की जानकारी दिए बगैर अंतरिम राहत हासिल की थी।
याचिका खारिज, जुर्माना भी
इस बात को जानने के बाद बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ताओं पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को जुर्माने की रकम पुणे महानगर पालिका के कमिश्नर के निर्देश पर चैरिटेबल उद्देश्य के लिए खर्च करने को कहा है।
बेंच ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के हितों से समझौता नहीं किया जा सकता । एक विशेष उद्देश्य के तहत 500 यार्ड के दायरे में निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई है।