ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों को उपभोक्ता संरंक्षण अधिनियम के तहत लाने वाले फैसले पर पुनर्विचार की बात कही है। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और पंकज मिथल की अगुवाई वाली पीठ का कहना है कि तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए इस फैसले पर पुनर्विचार की आवश्यकता है।
पीठ ने कहा ‘हमारी राय में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के इतिहास, उद्देश्य और योजना को ध्यान में रखते हुए उस फैसले पर फिर से विचार किया जाना चाहिए।’ पीठ ने इस मामले को पुनर्विचार के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया है।
बता दें कि 1995 में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चिकित्सा संगठन बनाम वीपी शांता के मामले में एक फैसला दिया था। उस फैसले में चिकित्सा पेशे को उपभोक्ता संरक्षण कानून के दायरे में लाया गया था।