ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष में सरकार की कुल कर प्राप्तियां बजट अनुमान से काफी अधिक रहने की संभावना है। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि प्रत्यक्ष कर और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में मौजूदा तेजी वित्त वर्ष के बाकी बचे महीनों में भी बनी रहेगी। इससे राजस्व प्राप्तियों के अनुमान को बढ़ाया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि यह बजट पूर्व कवायद के मद्देनजर सरकार के प्रारंभिक आकलन से पता चला है। दिसंबर में अग्रिम कर की तीसरी किस्त जमा होने और अप्रैल से दिसंबर तक के जीएसटी संग्रह का आंकड़ा मिलने के बाद तस्वीर और साफ होगी।
वित्त मंत्रालय में बजट पूर्व बैठकों का दौर चल रहा है और नीति निर्माता अगले वित्त वर्ष के लिए कर संग्रह के अनुमान का आकलन करने में लगे हैं। जीएसटी के मोर्चे पर अधिकारियों का अनुमान है कि वृद्धि दर 13 से 14 फीसदी के दायरे में रहेगी और वित्त वर्ष 2025 में औसत मासिक जीएसटी संग्रह 1.7 लाख करोड़ से 1.8 लाख करोड़ रुपये रह सकता है।
जीएसटी की औसत मासिक प्राप्तियां 1.6 से 1.65 लाख करोड़
चालू वित्त वर्ष में जीएसटी की औसत मासिक प्राप्तियां 1.6 से 1.65 लाख करोड़ रुपये के दायरे में रही है। अक्टूबर में जीएसटी संग्रह 1.72 लाख करोड़ रुपये रहा, जो अप्रैल के 1.87 लाख करोड़ रुपये कर प्राप्तियों के बाद दूसरा सबसे ज्यादा आंकड़ा है। सूत्रों ने कहा, ‘विभिन्न नीतिगत उपायों, राजस्व विभाग की तैयारियों और बीते कुछ महीनों में की गई पहल का पूरा असर अगले वित्त वर्ष में कर संग्रह पर भी दिखेगा।’
सरकार का अनुमान
वित्त वर्ष 2024 में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर का सकल संग्रह 10.45 फीसदी बढ़कर 33.61 लाख करोड़ रुपये पहुंच सकता है। इनमें से सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत आयकर से प्राप्त होने वाला राजस्व 10.5 फीसदी बढ़कर 18.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है। इसी तरह जीएसटी संग्रह 12 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।
डेलॉयट इंडिया में पार्टनर एमएस मणि ने कहा, ‘इस साल कर संग्रह अच्छा रहने से अगले साल भी जीएसटी राजस्व बेहतर रहने की उम्मीद है। हालांकि यह व्यापक तौर पर आर्थिक प्रदर्शन पर निर्भर करेगा क्योंकि जीएसटी खपत मांग पर आधारित होती है।’
प्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर शुद्ध कर संग्रह 10.1 फीसदी, कॉर्पोरेट कर 11.1 फीसदी और व्यक्तिगत आयकर राजस्व 11.7 फीसदी बढ़ सकता है। चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में कमजोर वृद्धि के बाद कॉर्पोरेट कर में सितंबर 2023 में 27 फीसदी की तेज बढ़त दर्ज की गई।
अग्रिम कर भुगतान बढ़ने के कारण संभव हो पाया
अग्रिम कर भुगतान बढ़ने के कारण यह संभव हो पाया, जो वित्त वर्ष 2024 के बजट अनुमान का लगभग 49 फीसदी रहा। व्यक्तिगत आय कर बजट अनुमान के करीब रहा। अब तक प्रत्यक्ष कर संग्रह कुल अनुमान का 53 फीसदी रहा है।
ईवाई इंडिया में नेशनल टैक्स लीडर सुधीर कपाड़िया ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए कर वृद्धि मजबूत रहने की उम्मीद है। मौजूदा संग्रह सरकार को व्यय करने के लिए काफी गुंजाइश देगा। खाद्य योजना के विस्तार से सरकार के खजाने पर बोझ बढ़ने के बीच यह राहत वाली बात है।