ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को लेकर दिलचस्प ट्रैक रिकॉर्ड हरियाणा से भी जुड़ा है। ऐसा माना जाता है कि जो पार्टी हरियाणा में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें जीतती है, केंद्र में उसी पार्टी की सरकार बनती है। भले ही हरियाणा में लोकसभा की सीटें महज 10 हैं लेकिन 14 लोकसभा चुनाव में से 13 बार हरियाणा में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी केंद्र की गद्दी पर कब्जा करने में सफल रही है। हरियाणा की स्थापना के बाद हुए 14 लोकसभा चुनाव में से 13 बार सरकार बनाने में हरियाणा का खास रोल रहा है।
हरियाणा की स्थापना 1966 में हुई थी। इसके बाद 14 लोकसभा चुनाव हुए जिनमें से एक चुनाव को छोड़कर 13 चुनावों में केंद्र में सरकार बनाने में हरियाणा के सांसदों की खास भूमिका रही है। रिकॉर्ड को देखें तो सिर्फ साल 1998 में हुए चुनाव में सरकार बनाने में राज्य का कोई खास रोल नहीं था। खास बात ये भी है कि ज्यादातर बार इस राज्य के मतदाताओं ने कांग्रेस पार्टी पर ही भरोसा जताया है। हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों पर एक साथ छठे चरण में 25 मई को मतदान कराया जाएगा। इसके साथ ही करनाल विधानसभा सीट पर भी इसी दिन मतदान कराया जाएगा।
क्या है चुनावी इतिहास?
कुल 14 लोकसभा चुनाव में हरियाणा के वोटर्स ने आधे से ज्यादा बार एक ही दल या फिर गठबंधन पर विश्वास जताया है। 1967 और 1971 में कांग्रेस ने राज्य की 7-7 सीटें जीती। वहीं, राज्य में 4 लोकसभा चुनाव में विभिन्न दलों ने राज्य की सभी सीटों पर क्लीन स्वीप किया है। क्लीन स्वीप का ये सिलसिला 1977 में शुरू हुआ था। कांग्रेस विरोधी लहर के दौरान भारतीय लोकदल ने सभी 10 सीटें जीती थीं और कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी थी। हालांकि, साल 1991, 2004 और 2009 में कांग्रेस ने राज्य की 9-9 सीटों पर कब्जा किया था। साल 2014 में भाजपा ने दस में से सात सीटें जीती थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 10 सीटें जीती थीं।