ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन कोस्ट गार्ड में परमानेंट कमीशन मामले पर कहा है कि महिलाओं को इससे बाहर नहीं रखा जा सकता है। कोस्ट गार्ड की एक महिला अफसर ने याचिका में कहा था कि शॉर्ट सर्विस कमीशन की काबिल महिला अफसरों को परमानेंट कमीशन दिया जाए।
सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि कोस्ट गार्ड नेवी और आर्मी से अलग है। एक बोर्ड का गठन किया गया है, जो इन मामलों को देखता है। हालांकि हम इंडियन कोस्ट गार्ड से एक एफिडेविट फाइल करने के लिए कहेंगे।
ये बातें मायने नहीं रखतीं
सरकार की दलील पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा- ‘ये सारी बातें और फंक्शनैलिटी 2024 में कोई मायने नहीं रखती हैं। आपके बोर्ड में महिलाएं भी होनी चाहिए। हम उन्हें बाहर नहीं रख सकते हैं। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो हम करेंगे, इसलिए इस मामले पर ध्यान दीजिए।’
याचिकाकर्ता प्रियंका त्यागी ने पहले दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। उन्होंने सेना-नौसेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए याचिका दायर की। अगली सुनवाई 1 मार्च को होगी।
पिछली सुनवाई में भी लगाई थी फटकार
मामले में पिछली सुनवाई 19 फरवरी को हुई थी। इस दौरान भी केंद्र की खिंचाई करते हुए सीजेआई ने पूछा था कि तटरक्षक बल के संबंध में उदासीनता क्यों है। उन्होंने कहा था- आप तटरक्षक बल में महिलाओं को क्यों नहीं चाहते? अगर महिलाएं सीमाओं की रक्षा कर सकती हैं, तो वे समुद्र तटों की भी रक्षा कर सकती हैं। आप नारी शक्ति के बारे में बात करते हैं, इसे यहां दिखाएं।
तटरक्षक बल में ऐसा क्या खास है
कोर्ट ने फोर्स में महिलाओं को शामिल करने का विरोध करने वाली पितृसत्तात्मक मानसिकता पर सवाल उठाया था। सीजेआई ने कहा था- आपके पास नौसेना में महिलाएं हैं, तो तटरक्षक बल में ऐसा क्या खास है। हम पूरे कैनवास को खोल देंगे।
कौन हैं प्रियंका त्यागी
प्रियंका त्यागी असिस्टेंट कमांडेंट के रैंक पर शॉर्ट सर्विस अपॉइंटमेंट ऑफिसर के रूप में 14 साल पायलट रही हैं। सर्विस के दौरान त्यागी ने समुद्र में 300 से अधिक लोगों की जान बचाई। 4 हजार 500 घंटे उड़ान भरी, जो सशस्त्र बलों में पुरुषों और महिलाओं के बीच सबसे ज्यादा है।
त्यागी 2016 में पूर्वी क्षेत्र में समुद्री गश्त करने के लिए डोर्नियर विमान पर पहली बार बने ऑल महिला क्रू का हिस्सा भी रहीं। उनकी उपलब्धियों के बावजूद उन्हें परमानेंट कमीशन से वंचित कर दिया गया। दिसंबर 2023 में उनकी सर्विस खत्म हो गई।
त्यागी ने सशस्त्र बलों के तीनों अंगों- आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने का हवाला देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यायिक फैसला आने तक इंडियन कोस्ट गार्ड को अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए त्यागी की सेवा जारी रखने का निर्देश दिया था। प्रियंका त्यागी इसके बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं। उन्होंने याचिका में परमानेंट कमीशन के लिए पुरुष अधिकारियों के साथ समानता की मांग की। सीनियर एडवोकेट अर्चना पाठक दवे ने त्यागी का पक्ष रखते हुए कहा कि आर्मी की तरह कोस्ट गार्ड में महिलाओं को प्रमोट किया जाना चाहिए और कमीशन अधिकारी बनने का अवसर मिलना चाहिए।