ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। नीट 2024 को लेकर चल रहे हंगामे के बीच एमबीबीएस और बीडीएस में एडमिशन चाहने वाले बच्चों के लिए एक गुड न्यूज आई है। ये गुड न्यूज उनके पैरेंट्स के लिए भी है क्योंकि बात पैसों की है। एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेस को लेकर बड़ा फैसला आया है। ऐसा फैसला जिसकी देश के करोड़ों लोगों को कई सालों से प्रतीक्षा थी। मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहां मेडिकल कॉलेज सीट लीविंग बॉन्ड पॉलिसी खत्म कर दी गई है।
अब नहीं भरना होगा बॉन्ड
मध्यप्रदेश सरकार ने ये ऐतिहासिक फैसला लिया है। आप चाहे सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस- बीडीएस में दाखिले ले रहे हों या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में, आपको सीट लीविंग बॉन्ड भरने की जरूरत नहीं होगी। आने वाले सत्र से इसे लागू किया जाएगा। इस फैसले से सीधे-सीधे 30 से 40 लाख रुपये तक की बचत हो सकेगी क्योंकि किसी भी कारण से बीच में ही पढ़ाई छोड़ने पर आपको ये मोटी रकम नहीं भरनी होगी।
क्या है सीट लीविंग बॉन्ड?
अब तक जो नियम हैं, उसके अनुसार एमबीबीएस और बीडीएस में एडमिशन के समय कॉलेज स्टूडेंट्स से एक बॉन्ड भरवाते हैं। इसमें ये लिखा होता है कि अगर छात्र/छात्रा किसी भी कारण कोर्स पूरा नहीं करते हैं और बीच में ही कॉलेज छोड़ देते हैं, तो उन्हें एक निश्चित रकम कॉलेज को देनी होगी। ये रकम 5 लाख से 40 लाख रुपये तक, बल्कि कई कॉलेजों में इससे भी ज्यादा होती है। इसी साल नेशनल मेडिकल कमीशन ने भी इस मामले में दखल दिया था। नेशनल मेडिकल कमीशन ने 2024 की शुरुआत में कहा था कि ‘आयोग के पास इस बॉन्ड को लेकर ढेर सारी शिकायतें आई हैं। ये बताती हैं कि हालात कितने गंभीर हैं। इस नियम के कारण स्टूडेंट्स स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन तक का शिकार हो रहे हैं। खासकर पीजी मेडिकल स्टूडेंट्स।’
इसके मद्देनजर नेशनल मेडिकल कमीशन ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मेडिकल कॉलेज में सीट लीविंग बॉन्ड खत्म करने के लिए कहा था।