नई दिल्ली। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे ईदगाह परिसर के सर्वे को मंजूरी दी थी। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस मामले में 9 जनवरी को होगी अगली सुनवाई।
वकील विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि शाही ईदगाह मामले में जो इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश पारित किया था, उस आदेश को वर्चुअली शाही ईदगाह मस्जिद ने और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने मांग की थी की इलाहाबाद हाईकोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगा दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इससे इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा, यह केस 9 जनवरी के लिए निर्धारित है, हम उसी दिन उसको सुनेंगे।
-9 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
हाई कोर्ट द्वारा तय तरीकों से होगा सर्वे
अब हाई कोर्ट द्वारा तय किए गए तरीकों से शाही ईदगाह का पूरा वैज्ञानिक सर्वे किया जाए। इस वैज्ञानिक सर्वे से ये पता चलेगा कि जिन हिंदू प्रतीकों के होने का दावा हिंदू पक्ष कर रहा है, वो मिले या नहीं। हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह को औरंगजेब के शासनकाल में हिंदुओं के पवित्र मंदिर को तोड़कर बनाया गया था, जो हमारे आराध्य भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है। इस जगह पर हिंदू शताब्दियों से पूजा करते रहे हैं। ऐसे में शाही ईदगाह मस्जिद को मौके से हटाना चाहिए, ताकि हिंदुओं को अपने आराध्य की पूजा उनके जन्मस्थान पर करने का मौका मिल सके।
अपने दावे को साबित करने के लिए हिंदू पक्ष ने कोर्ट में पूरे शाही ईदगाह परिसर के वैज्ञानिक सर्वे की मांग की थी। हिंदू पक्ष का कहना है कि शाही मस्जिद को हिंदुओं के पवित्र मंदिरों को तोड़कर बनाया गया, जिसके निशान अब भी स्पष्ट तौर पर दिखते हैं।
हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर किसी तरह की कोई रोक नहीं लगाई है, ऐसे में हाई कोर्ट द्वारा तय किए गए निर्देशों के ध्यान में रखते हुए शाही ईदगाह का वैज्ञानिक सर्वे जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
मथुरा में सर्वे अब हो कर रहेगा: विहिप
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए हुए विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, “भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि की मुक्ति में बाधक और विदेशी आक्रांताओं, सहयोगियों को अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी जड़ दिया करारा तमाचा। मथुरा में मंदिर परिसर का सर्वे अब हो कर ही रहेगा। आशा है अब न्याय और सत्य की अन्वेषण में कोई और बाधक नहीं बनेगा।
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस सम्बन्ध में दायर याचिका को मंज़ूरी देते हुए इस पूरे परिसर की जांच के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की मांग को माना है। इसी की देखरेख में सर्वे पूरा होगा। यह याचिका हिन्दू पक्ष की तरफ से श्रीकृष्ण विराजमान और वकील विष्णु शंकर जैन समेत 7 लोगों द्वारा लगाई गई थी। हिन्दू पक्ष का दावा है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म राजा कंस के कारागार में हुआ था और यह जन्मस्थान शाही ईदगाह के वर्तमान ढांचे के ठीक नीचे है। 1670 में मुगल आक्रांता औरंगज़ेब ने मथुरा पर हमला कर दिया था और केशवदेव मंदिर को ध्वस्त करके उसके ऊपर शाही ईदगाह ढांचा बनवा दिया था।