ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। आज स्मार्टफोन पर कंप्यूटर से अधिक काम किया जा रहा है। तमाम काम के ऑनलाइन हो जाने की सुविधा के कारण फोन से अधिकतर काम हो जाते हैं, लेकिन इन सबके बीच एक बड़ा खतरा हैकिंग और डाटा लीक को लेकर रहता है। कंप्यूटर के मुकाबले फोन को हैक करना हैकर्स के लिए आसान होता है। कई रिसर्च और एपल के दावे के मुताबिक एपल के आईओएस के साथ एंड्रॉयड के मुकाबले अधिक सिक्योरिटी मिलती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आईफोन हैक ही नहीं हो सकता। अपने आप सिस्टम का बंद होना और रीस्टार्ट होना भी यह संकेत है कि आपका सिस्टम हैक हो गया है। इसके अलावा अगर आपको लगता है कि आपके फोन और कंप्यूटर की सेटिंग्स अपने आप बदल गई है तो सावधान हो जाएं। इसका मतलब है कि हैकर्स आपके सिस्टम में पहुंच गए हैं। तुरंत डाउनलोड फाइल चेक करें या फोन को फॉर्मेट करें।
शॉपिंग के मैसेज
फोन के हैक होने का सबसे बड़ा संकेत यह है कि आपके पास ट्रांजेक्शन के मैसेज मिलने लगते हैं। कई बार ऐसा होता है कि उन प्रोडक्ट्स के मैसेज आपको मिलने लगते हैं जिन्हें आपने खरीदा ही नहीं है। इसका मतलब है कि आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड की डिटेल किसी के हाथ लग गई है। पेमेंट डिटेल की जानकारी हैकर्स को आपकी शॉपिंग साइट से मिल सकती है या फिर आपके फोन और ईमेल से मिल सकती है।
फोन का अचानक से स्लो हो जाना
कई बार हैकर्स आपके सिस्टम का इस्तेमाल बिट्क्वॉइन की माइनिंग के लिए करते हैं। इसके अलावा इंटरनेट स्पीड अच्छी होने के बाद भी फोन पर वीडियो स्लो चल रहा है तो सावधान हो जाने की जरूरत है।
एंटी वायरस का बंद हो जाना
हैकर्स कई बार एंटी वायरस और सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर को बंद कर देते हैं। अगर आपको जरा भी संदेह होता है कि आपका एंटी वायरस काम नहीं कर रहा है तो सतर्क हो जाने की दरकार है। इसके अलावा अपना ब्राउजर हमेशा चेक करते रहें, क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि आपके ब्राउजर में कोई एक्सटेंशन पड़ा हो और वह आपकी जासूसी कर रहा हो। कई बार कुछ एक्सटेंशन या सॉफ्टवेयर किसी वेबसाइट के जरिए सिस्टम में आ जाते हैं और इनके जरिए हैकर्स आप तक पहुंच सकते हैंं।