ब्लिट्ज ब्यूरो
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 2014 के बाद कुछ लोगों ने मेरी छवि धूमिल करने का संकल्प ले रखा है। इसके लिए इन लोगों ने भांति भांति के लोगों को ‘सुपारी’ दे रखी है और खुद भी मोर्चा संभाले हुए हैं। इन लोगों का साथ देने के लिए कुछ लोग देश के भीतर हैं और कुछ देश के बाहर बैठकर काम कर रहे हैं।
पीएम मोदी भोपाल में रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से निजामुद्दीन के लिए चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के लोकार्पण के लिए आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, मेरी छवि खराब करने के लिए ये लोग लगातार कोशिश करते रहे हैं। लेकिन आज हर भारतीय मोदी का सुरक्षा कवच बना हुआ है। इसलिए ये लोग बौखला गए हैं और नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं। ऐसे लोगों से देश की जनता स्वयं निपटेगी।
वंदे भारत से बढ़ेगी आय
पीएम मोदी ने भोपाल में देश की 11वीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। उन्होंने कहा, वंदे भारत लोगों की आय बढ़ाने का माध्यम बनेगी और क्षेत्र के विकास को भी तेज करेगी। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत अब नई सोच, नए अप्रोच के साथ काम कर रहा है। पहले की सरकारें तुष्टिकरण में ही इतना व्यस्त रहीं कि देशवासियों को संतुष्ट करने पर उनका ध्यान ही नहीं गया। वो वोट बैंक के तुष्टिकरण में जुटे हुए थे, हम देशवासियों की संतुष्टि को समर्पित हैं।
– भोपाल से दिल्ली तक चलेगी आधुनिक एक्सप्रेस
एक परिवार की ही स्तुति होती थी
उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें देश के एक ही परिवार को प्रथम परिवार मानती रहीं। देश के गरीब व मध्यमवर्गीय परिवार को उन्होंने अपने हाल पर ही छोड़ दिया था।
रेलवे पर ध्यान तक नहीं दिया
पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारें रेलवे पर ध्यान तक नहीं देती थीं। इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि भारतीय रेल आधुनिकीकरण के लिए तरसती रही। आजादी के बाद भारत को एक बना बनाया नेटवर्क मिला था। तब की सरकारें चाहतीं तो बहुत तेजी से रेलवे को आधुनिक बना सकती थी, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोकलुभावन वादों के लिए रेलवे के विकास को ही बलि चढ़ा दिया गया। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने दशकों बाद भी हमारे नार्थ ईस्ट के राज्य ट्रेन से नहीं जुड़े थे। 2014 में जब आपने मुझे सेवा का अवसर दिया तो मैंने तय किया,अब रेलवे का कायाकल्प होकर रहेगा।
पीएम मोदी ने कहा, बीते 9 वर्षों में हमारे निरंतर प्रयास रहे हैं कि भारत में दुनिया का श्रेष्ठ रेल नेटवर्क कैसे बने। आज ब्रॉडगेज नेटवर्क मानव रहित फाटक से मुक्त हो चुका है।