ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। बिल्डरों से परेशान सोसायटी वालों ने न्याय पाने की दिशा में दादर के स्वामीनारायण मंदिर के पास स्थित योगी सभागृह में एक सभा आयोजित की। सभा का आयोजन ‘सोसायटी फॉर फास्ट जस्टिस’ ने किया।
इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोसायटी के पदाधिकारियों ने बताया कि सभा का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोग, जो देश के महंगे और अन्यायपूर्ण न्यायतंत्र से लड़ नहीं पा रहे हैं, उन्हें संगठित करना है। संस्था सचिव आशीष मेहता ने कहा कि सिर्फ मुंबई शहर में करीब पचास हजार लोग बिल्डरों की वजह से बेघर हैं।
बिल्डरों ने अपने आपको दिवालिया घोषित किया
एक लिस्ट जारी हुई है, जिसमें 308 बिल्डिंग प्रोजेक्ट के बिल्डरों ने अपने आपको दिवालिया घोषित किया है। यदि एक प्रोजेक्ट में न्यूनतम 50 फ्लैट भी हैं तो 308 प्रोजेक्ट में करीब 15000 परिवारों को 75 बिल्डरों ने बेघर कर दिया है। संस्था 16 वर्षों से बिल्डरों से परेशान लोगों को निःशुल्क क़ानूनी सलाह दे रही है। संस्था के अध्यक्ष ने बॉम्बे हाई कोर्ट में 15 जनहित याचिकाएं दायर की हैं।
प्रोजेक्ट लेट हो, तो बिल्डर भरे ईएमआई
सोसायटी फॉर फास्ट जस्टिस ने मांग की है कि गरीब, मध्यम वर्ग का नौकरीपेशा आम आदमी लोन लेकर फ्लैट खरीदता है। उसे लोन की किश्त (ईएमआई) भरनी होती है, लेकिन जब बिल्डर एग्रीमेंट के अनुसार फ्लैट समय पर नहीं देता, तो लोन लेने वाले को ज्यादा ईएमआई का बोझ सहना पड़ता है। हमारी सरकार से मांग है कि ऐसा कानून बनाए कि यदि बिल्डर समय पर फ्लैट नहीं देता, तो ईएमआई वही भरे।