ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सॉलिड वेस्ट प्रबंधन पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार दिल्ली नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में स्थिति भयानक है। हम दुनिया को क्या तस्वीर दिखा रहे हैं? यह राजधानी के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इस मुद्दे को राजनीति से परे जाना चाहिए। हालात नहीं सुधरे तो कठोर आदेश पारित करने के लिए मजबूर होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। दिल्ली में रोजाना 3,800 टन ठोस कचरा अनुपचारित रह जाता है। दिल्ली और एमसीडी को फटकारते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मामले का समाधान निकालने के लिए सभी अधिकारियों की बैठक बुलाने को कहा। अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी। किसी भी अधिकारी ने प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले ठोस कचरे से निपटने के लिए पर्याप्त क्षमता न होने के गंभीर परिणामों पर विचार करने की जहमत नहीं उठाई।