ब्लिट्ज ब्यूरो
पटना। ‘ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज (एआईपीएमएम)’ ने भारत की अनुसूचित जाति (एससी) सूची को धर्म की दृष्टि से तटस्थ बनाने और देश भर में दलित मुसलमानों एवं ईसाइयों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने की केंद्रीय आयोग से अपील की। पूर्व राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी की अगुवाई में एआईपीएमएम के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां पूर्व प्रधान न्यायाधीश के. जी. बालकृष्णन के नेतृत्व वाले तीन सदस्यीय आयोग से मुलाकात की। अंसारी एआईपीएमएम के प्रमुख हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से इस सूची को धर्म की दृष्टि से तटस्थ बनाने की अपील की ताकि पसमांदा मुसलमानों को भी उसमें शामिल किया जा सके। पिछड़े, दलित और आदिवासी मुसलमानों के लिए ‘पसमांदा’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से यह भी कहा कि समुदाय के भीतर अपनी काफी अधिक संख्या के बावजूद पसमांदा मुसलमानों का नौकरियों, विधायिकाओं और सरकार द्वारा संचालित अल्पसंख्यक संस्थानों के साथ-साथ समुदाय द्वारा संचालित मुस्लिम संगठनों में प्रतिनिधित्व कम है।
मुख्तार अंसारी ने कहा कि दलित मूल के मुसलमान और ईसाई लंबे समय से धार्मिक प्रतिबंध हटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ताकि उन्हें अनुसूचित जाति श्रेणी में शामिल किया जा सके।