ब्लिट्ज ब्यूरो
अयोध्या। मंदिर का निर्माण तेजी से होने के साथ दर्शन के लिए बढ़ती लाखों की भीड़ को ध्यान में रख कर इसी साल मंदिर ट्रस्ट ने पुजारियों को बड़ा तोहफा दिया है। उनका वेतन सरकारी कर्मचारियों के बराबर कर दिया गया है।
उन्हें छुट्टी और अन्य सुविधाएं भी सरकारी एवं कंपनी कर्मचारियों की तरह मिलने लगी हैं। वेतन में अपग्रेडेशन कर प्रधान पुजारी का वेतन 35 हजार रुपये, सहायक पुजारियों का वेतन प्रत्येक को 33 हजार रुपये मासिक और भंडारी एवं कोठारी का मासिक वेतन बढ़ाकर 24 हजार रुपये कर दिया गया है। हाल ही में एक नए भंडारी की नियुक्ति 19 हजार रुपये मासिक वेतन पर की गई है। अब मंदिर की पूजा व्यवस्था में लगे कर्मचारियों के वेतन से फंड भी कटने लगा है। सालाना वेतन में बढ़ोतरी भी की जा रही है।
21 पुजारियों का 6 मास की ट्रेनिंग के बाद भव्य मंदिर के पुजारी पद के लिए चयन किया गया है।
ट्रस्ट के नियंत्रण में आने के पहले मंदिर में कार्यरत कर्मचारियों को बहुत कम पारिश्रमिक पर संतोष करना पड़ता था। राम जन्मभूमि मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि विवादित ढांचा विध्वंस के बाद 1992 में रिसीवर ने उनके वेतन को मात्र 100 रुपये मासिक ही तय किया था। बाद में समय-समय पर इसमें बढ़ोतरी भी की गई, लेकिन बहुत कम थी।
उन्होंने बताया कि मंदिर पर फैसला आने के कई चरणों में वेतन में बढ़ोतरी हुई। वह भी रिसीवर को वेतन बढ़ाने की बार-बार मांग करने पर। जब मंदिर ट्रस्ट के नियंत्रण में आया तो 2020 के बाद पुजारियों के वेतन में रिवीजन किया गया और 12 हजार रुपये से प्रधान पुजारी का वेतन बढ़ा कर 15 हजार रुपये मासिक और सहायक पुजारियों का वेतन इसी क्रम में बढ़ाया गया।
मंदिर ट्रस्ट की मंशा है कि जितने कर्मचारी मंदिर व्यवस्था से जुडे हैं, उनकी सेवा का सम्मानजनक पारिश्रमिक मिले जिसको वे लोगों को बताने में संकोच न करें। मंदिर ट्रस्ट पुजारियों और पूजा व्यवस्था में लगे कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा कर इसमें संशोधन भी कर रहा है।
डॉ. अनिल मिश्र, ट्रस्टी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट