ब्लिट्ज ब्यूरो
सतारा। हमारे देश में अधिसंख्य लोग ऐसे हैं जो आज भी पारंपरिक कृषि को अपना रोजगार मानते हैं। वहीं, दूसरी तरफ कुछ लोग गुलाब जैसी फसल की खेती कर लाखों रूपए कमा रहे हैं। सतारा में बड़ी संख्या में किसान परंपरागत खेती छोड़कर गुलाब की खेती की ओर रुख कर रहे हैं।
पर्यावरण पर निर्भर रहने की वजह से किसानों को कई सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी आंधी, तूफान तो कभी बारिश, वहीं कभी सूखे जैसे हालात हो जाने पर किसानों को बहुत नुकसान हो जाता है। इतनी परेशानी के बाद भी अगर पैदावार अच्छी हो जाए तो किसानों को उसका सही दाम नहीं मिल पाता है। ऐसे में किसान यहां बताए गए टिप्स से अपनी आर्थिक स्थिति सुधार सकते हैं।
गुलाब के फूलों से तैयार की जाती है कई चीजें
गुलाब के फूलों से कई सारी चीजें तैयार की जाती हैं जिनमें बर्फ, एसेंशियल ऑयल, साबुन, फेसवॉश, गुलाब जल जैसी चीजें शामिल हैं। वहीं गुलाब के फूल का इस्तेमाल इत्र बनाने में भी किया जाता है। गुलकंद गुलाब की पंखुड़ियों से बनाया जाता है। हाल ही में सजावट के लिए असली गुलाब के फूलों का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है।
40 साल से कर रहे खेती
पोपट सालुंखे पिछले 40 सालों से खेती करते आ रहे हैं। उन्होंने अपने खेत में कई सारी फसलें उगाई हैं लेकिन अब पारंपरिक खेती को छोड़ते हुए उन्होंने गुलाब की खेती करने का फैसला लिया। उन्होंने अपने खेत में पेटल गुलाब की खेती करना शुरू कर दिया। व्यापारी इस गुलाब को पूरी तरह से खिलने से पहले ही तोड़ लेते हैं।
– लाखों में कमाई, टेंशन भी कम
कैसे होती है गुलाब की खेती, किसान से जानें
पेटल गुलाब को दो दिन के बाद तोड़ा जाता है। उन्होंने बताया कि एक बार में 40 से 50 किलो गुलाब काटे जाते हैं। इस 30 गुंठा क्षेत्र में इन गुलाब के फूलों को चार मजदूर काटते हैं।
नया करने का इरादा
दादासाहब सालुंखे ने 3 साल पहले गुलाब की खेती शुरू की थी। खेत में कुछ नया करने के इरादे से उन्होंने अपने खेत में गुलाब के फूल लगाए। उन्होंने यह भी कहा कि वे लगाए गए गुलाब का उपयोग गुलकंद बनाने के लिए करते हैं।