ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। रिजर्व बैंक ने कंज्यूमर लोन के नियम कड़े कर दिए हैं। बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को निर्देश दिया गया है कि वे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन जैसे एसेट्स के लिए बतौर बफर ज्यादा पूंजी अलग रखें। आरबीआई देश में तेजी से बढ़ते असुरक्षित लोन पर लगाम लगाना चाहता है। आरबीआई ने बैंकों के पुराने कंज्यूमर लोन के साथ-साथ इस कैटेगरी के जरिए कर्ज के संबंध में भी रिस्क वेटेज 0.25प्रतिशत से बढ़ाकर 1.25 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, “इसमें पर्सनल लोन शामिल शामिल नहीं हैं। ‘आरबीआई के मुताबिक, इस साल पर्सनल लोन जैसे असुरक्षित कर्ज करीब 23 प्रतिशत ज्यादा उठाए गए हैं। चिंता इसलिए बढ़ी क्योंकि देश में ऐसे लोन की एवरेज ग्रोथ 12-14 फीसदी ही है। चूंकि असुरक्षित लोन के बदले ग्राहक बैंक या एनबीएफसी के पास कुछ गिरवी नहीं रखते, लिहाजा इनके डिफॉल्ट होने पर वसूली के ज्यादा विकल्प नहीं होते। कुछ हफ्ते पहले रिजर्व बैंक ने तेजी से बढ़ते पर्सनल लोन को लेकर चेताया था।