मनोज जैन
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने अमेरिकी मीडिया कंपनी वॉल्ट डिज्नी के भारतीय कारोबार को खरीदने के लिए एक नॉन-बाइंडिंग टर्मशीट (एग्रीमेंट) साइन किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आरआईएल इस डील के जरिए डिज्नी की मिनिमम 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। इसके बाद रिलायंस के पास भारत में सबसे बड़े मीडिया और एंटरटेनमेंट बिजनेस की कमान होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह डील 51:49 की स्टॉक और कैश मर्जर की होगी, जिसके अगले साल यानी 2024 के फरवरी माह तक पूरे होने की उम्मीद है। हालांकि, रिलायंस इसके सभी रेगुलेटरी अप्रूवल्स और कॉमर्शियल जरूरतों को जनवरी तक पूरा करने की तैयारी कर रहा है।
रिलायंस के पास होंगे कंट्रोलिंग स्टेक्स
इस डील के बाद रिलायंस को डिज्नी स्टार बिजनेस में कंट्रोलिंग स्टेक्स मिल जाएंगे, जिसकी एस्टिमेटेड वैल्यूएशन 10 बिलियन डॉलर यानी 83,163 करोड़ रुपए है। डील पूरी होने के बाद डिज्नी की इस बिजनेस में केवल माइनॉरिटी स्टेक्स यानी मामूली हिस्सेदारी रह जाएगी।
क्या है नॉन बाइंडिंग कॉन्ट्रैक्ट
नॉन-बाइंडिंग कॉन्ट्रैक्ट एक एग्रीमेंट होता है, जिसमें शामिल पार्टियां या कंपनियां डील की टर्म को मानने के कानूनी रूप से बाध्य नहीं होती हैं। इस एग्रीमेंट का पर्पज नेगोशिएशन प्रोसेस के दौरान डील में शामिल पार्टियों के इरादे को जाहिर करना है। अगर दोनों पार्टियां नॉन-बाइंडिंग कॉन्ट्रैक्ट के टर्म और कंडीशन पर सहमत हो जाती हैं, तो उसके बाद फाइनल बाइंडिंग कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया जाता है।
अक्टूबर में फाइनल हुई थी डील की बात
डिज्नी के साथ मल्टी बिलियन डॉलर की इस डील के लिए कुछ महीने पहले गौतम अडाणी, सन टीवी के मालिक कलानिधि मारन और कुछ प्राइवेट इक्विटी फर्म भी बात कर रहे थे। हालांकि अक्टूबर में डिज्नी ने इस डील की बात पर मुकेश अंबानी के साथ आगे बढ़ाने का फैसला लिया था।