ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने अलग-अलग प्रकार के प्लास्टिक को रिसाइकल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने की दिशा में सफलता हासिल की है। इससे पॉलिमर, रबर, जेल समेत इस श्रृंखला के सभी पदार्थों को रिसाइकल किया जा सकता है। बाथ विवि व सरे विवि के शोधकर्ताओं ने थर्मोसेट पॉलिमर में घुलने वाले बॉन्ड ढालने का तरीका विकसित किया है, ताकि उन्हें आसानी से दोबारा उपयोग के लायक बनाया जा सके। शोधकर्ताओं ने संरचना के हिस्सों में शामिल टूटने योग्य बॉन्ड के साथ पॉलिमर जेल की एक श्रृंखला बनाई व परीक्षण किया कि क्या जेल के खराब होने व सुधार के बाद गुणों में बदलाव आता है।
इस तरह जगी उम्मीद
शोधकर्ताओं ने पाया कि हालांकि सभी जेल को कुछ हद तक खराब किया जा सकता है, लेकिन पॉलिमर श्रृंखलाओं में टूटने योग्य बॉन्ड वाले जेल ने क्रॉसलिंक्ड के माध्यम से टूटने वाले पॉलिमर की तुलना में सुधार के बाद अपने गुणों को बेहतर बनाए रखा। शोधकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि इस मॉडल प्रणाली को चिपकने वाले, सीलेंट और इलास्टोमर सहित अन्य प्रकार के पॉलिमर पर लागू किया जा सकता है।
– थर्मोसेट पॉलिमर में घुलने वाले बॉन्ड ढालने का तरीका किया विकसित
थर्मोप्लास्टिक को रिसाइकल करना आसान
दरअसल, थर्मोप्लास्टिक और थर्मोसेट्स दो प्रकार के प्लास्टिक हैं। ये दोनों ही पॉलिमर नामक अणुओं की लंबी श्रृंखला से बने होते हैं और गर्म होने पर अलग-अलग व्यवहार करते हैं। थर्मोप्लास्टिक को अधिक तापमान पर गर्म किया जा सकता है और एक सांचे में ढाला जा सकता है। बाद में इन्हें पिघलाया जा सकता है और रिसाइकल करके अन्य आकार दिया जा सकता है।
इसके विपरीत थर्मोसेट प्लास्टिक में पॉलिमर श्रृंखलाओं को एक नेटवर्क बनाने के लिए क्रॉसलिंक किया जाता है जो उन्हें मजबूत और लचीला बनाता है। इनका उपयोग अक्सर मिश्रित सामग्री, पेंट, कोटिंग्स, रबर में किया जाता है। क्रॉसलिंक का मतलब है सामग्री गर्म होने पर पिघलने के बजाय जल जाती है। इस वजह से उन्हें तोड़ना व रिसाइकल करना बहुत कठिन हो जाता है।
अन्य प्रक्रियाओं की तैयारी
शोधकर्ताओं के अनुसार, उनका लक्ष्य इन टूटने योग्य बॉन्ड की अच्छी तरह पड़ताल करना है, ताकि बेहतर ढंग से समझा जा सके कि क्यों कुछ बांड दूसरों की तुलना में अधिक आसानी से टूट जाते हैं। इसीलिए अन्य व्यावसायिक रूप से उपयोग किए जाने वाले पॉलिमर का उपयोग करके प्रणाली को अनुकूलित करने की योजना बनाई गई है। शोधकर्ता कहते हैं कि वे इसी तरह के अन्य प्रयोगों पर भी विचार कर रहे हैं, जिसमें क्रॉसलिंक्ड पॉलिमर का मुख्य घटक के रूप में उपयोग किया जा सके।