ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। क्रिप्टो संपत्तियों को विनियमित करने पर दुनिया भर में चर्चा के बावजूद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने संकेत दिया है कि इन्हें प्रतिबंधित करने के केंद्रीय बैंक के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
कौटिल्य इकनॉमिक कॉन्क्लेव के बाद संवाददाताओं से बातचीत में दास ने कहा, ‘क्रिप्टो पर अपना रुख मैं पहले भी कई बार साफ कर चुका हूं और हम अपनी राय पर कायम हैं। आईएमएफ-एफएसबी (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष-वित्तीय स्थायित्व बोर्ड) के सिंथेसिस पेपर में भी क्रिप्टो से जुड़े जोखिमों का जिक्र किया गया है। नियमन हमेशा शून्य से 10 के पैमाने पर होता है।
शून्य विनियमन का अर्थ है कोई कायदे और रोकटोक ही नहीं हैं और सभी को हर तरह की आजादी है। इसी तरह 10 का मतलब है कि आप इसकी बिल्कुल भी इजाजत नहीं देते।
यह आप पर निर्भर करता है कि शून्य से 10 के बीच आप कहां हैं। एफएसबी को अब नियम-कायदे की बारीकियां देखनी होंगी।’ इस महीने की शुरुआत में मराकेश बैठक में जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक के बाद सिंथेसिस पेपर में प्रस्तावित क्रिप्टो संपत्तियों की रूपरेखा अपनाई गई थी। घरेलू क्रिप्टो उद्योग उम्मीद कर रहा था कि सरकार क्रिप्टो संपत्तियों के विनियम की दिशा में सहमति तैयार करेगी। लेकिन आरबीआई का सख्त रुख इसे कठिन बना सकता है।
सिंथेसिस पेपर में क्रिप्टो संपत्तियों से संबंधित गतिविधियों के जोखिम तो गिनाए गए लेकिन इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का विरोध किया गया है। उसका तर्क है कि यह बड़ा महंगा सौदा हो सकता है और प्रतिबंध लागू करना भी तकनीकी रूप से कठिन होगा। दास ने संकेत दिया कि घरेलू बाजार में ब्याज दरें ऊंची बनी रहेंगी और मौद्रिक नीति मुद्रास्फीति घटाने की दिशा में सक्रियता से काम करेगी। दास ने कहा, ‘हम मुद्रास्फीति के रुख और चाल पर ज्यादा सतर्कता बरतेंगे।
खाद्य पदार्थों की महंगाई में अनिश्चितता है। मौजूदा हालात में मौद्रिक नीति की सक्रियता बनी रहनी चाहिए ताकि मुद्रास्फीति में आगे भी नरमी आती रहे।’ दास ने कहा कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को 4 फीसदी के दायरे में लाने के लिए हरसंभव पहल करने के लिए तैयार है।