ब्लिट्ज ब्यूरो
मुंबई। बीएमसी प्रशासन ने दावा किया है कि इस साल नवंबर में रे रोड ब्रिज को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। एक और महत्वपूर्ण पुल भायखला ब्रिज को भी अक्टूबर 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
बीएमसी कमिश्नर भूषण गगरानी ने बताया कि मुंबई में जर्जर पुलों की मरम्मत और ट्रैफिक जाम से निजात पाने के लिए बीएमसी और महारेल ने संयुक्त रूप से रेलवे पुलों पर काम शुरू किया है। पुलों के पुनर्निर्माण में हो रहे खर्च का भुगतान बीएमसी कर रही है, वहीं पुल निर्माण परियोजना का कार्य महारेल के माध्यम से किया जा रहा है।
गगरानी ने कहा कि एक बैठक में मुंबई के रे रोड, भायखला ब्रिज, तिलक ब्रिज (दादर) और घाटकोपर ब्रिज के कार्यों की समीक्षा की गई। ओलिवेंट ब्रिज, आर्थर ब्रिज, एस ब्रिज (भायखला) की वर्तमान स्थिति के बारे में मध्य रेलवे ने बीएमसी को पत्र भेज कर सूचित किया है कि ये ब्रिज अच्छी स्थिति में हैं। इन पुलों के पुनर्निर्माण की कोई आवश्यकता नहीं है। 10 से 15 वर्षों के बाद इन पुलों के पुनर्निर्माण की समीक्षा रेलवे द्वारा की जाएगी।
– ओलिवेंट, आर्थर और एस ब्रिज के पुनर्निर्माण की आवश्यकता नहीं
यातायात सुचारू करने के लिए बीएमसी ने मुंबई में बड़े पैमाने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का काम शुरू किया है। रेलवे नेटवर्क पर पुल निर्माण कार्य में बीएमसी और महाराष्ट्र रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (महारेल) के बीच समन्वय होना चाहिए, जिससे नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना संभव हो सके। गगरानी ने निर्देश दिया कि मुंबई में चल रहे पुल कार्यों को तेजी से और निर्धारित समय के भीतर पूरा किया जाए।
तीन पुलों के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी
गगरानी ने बताया कि मुंबई में करी रोड ब्रिज, माटुंगा (रेलवे ब्रिज के नीचे), महालक्ष्मी ब्रिज के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इन पुलों के पुनर्निर्माण के प्रारंभिक चरण का अध्ययन अभी चल रहा है। इन पुलों के पुनर्निर्माण से ट्रैफिक जाम को कम करने में मदद मिलेगी। इससे समय और ईंन्धन की भी बचत होगी।
मुंबई में चार पुलों के काम की वर्तमान स्थिति
रे रोड ब्रिज: इसका 77 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। पुल को नवंबर 2024 तक यातायात के लिए खोलने का लक्ष्य है।
भायखला ब्रिज: 42 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। पुल को अक्टूबर 2025 तक यातायात के लिए खुलने की उम्मीद है।
तिलक ब्रिज: दादर स्थित इस ब्रिज का अब तक 8 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
घाटकोपर ब्रिज: 14 प्रतिशत काम पूरा हो चुका।
बेहतर तालमेल से काम में आई तेजी
बीएमसी ने एल्फिंस्टन रोड, हिमालय ब्रिज गिरने के बाद तमाम ब्रिजों की स्ट्रक्चरल ऑडिट की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके बाद से खतरनाक ब्रिजों को नए सिरे से बनाने का काम शुरू हुआ। रेलवे के साथ तालमेल कर तेजी से काम करने के लिए रेलवे की ही कंपनी महारेल को काम सौंपा गया। इसके नतीजे भी सामने आ रहे हैं।