ब्लिट्ज ब्यूरो
अयोध्या। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की तिथि तय हो गई है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान अगले वर्ष 15 से 24 जनवरी तक होगा और इस अनुष्ठान का चरम व परम रूप 22 जनवरी को दिखेगा जब गर्भगृह में रामलला विराजेंगे। यह जानकारी अयोध्या राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने दी।
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रामलला की स्थापना के मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री के अतिरिक्त पांच हजार चुनिंदा श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा, ट्रस्ट के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने के लिए आमंत्रित किया। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने सहमति दे दी है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अयोध्या में लगातार तैयारियां की जा रही हैं। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम में देश-विदेश से करीब पांच लाख लोग शामिल हो सकते हैं। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन से ही अपार श्रद्धालुओं के उमड़ने का अनुमान है। विहिप संगठित अभियान के तहत श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन कराएगी। विहिप की हर इकाई एक दिन में 25 हजार भक्तों को करायेगी दर्शन। विहिप का यह अभियान राष्ट्रव्यापी होगा। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष कामेश्वर चौपाल के अनुसार यह अभियान 40 दिन तक चलेगा और इस दौरान विहिप की किसी न किसी प्रांतीय इकाई के आह्वान पर प्रत्येक दिन संबंधित प्रांत से जुड़े 25 हजार रामभक्त रामलला के दर्शन करेंगे। देश में विहिप की 44 प्रांतीय इकाइयां हैं। 40 दिनों के राम दर्शन अभियान में इन सभी प्रांतीय इकाइयों का प्रतिनिधित्व होगा। दर्शनार्थियों के नियोजन-प्रबंधन की तैयारी में लगे रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सूत्रों का अनुमान है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के वर्ष में रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या दैनिक औसतन एक लाख के आस-पास होगी। इन दिनों मंदिर निर्माण की पूर्व बेला में वैकल्पिक गर्भगृह में विराजे रामलला के नित्य दर्शनार्थियों की संख्या 30 हजार के आस-पास रहती है।
दुनिया के सारे सनातनियों से जोड़ा जाएगा
अयोध्या में विहिप की केंद्रीय और क्षेत्रीय मंत्रियों की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को दुनिया के सारे सनातनियों से जोड़ा जाएगा। कार्यक्रम को संपूर्ण विश्व में आनंदोत्सव के रूप में मनाया जाएगा। विदेश के लोग भी महाउत्सव के बनेंगे सहभागी।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को जन-जन और हर राम भक्त का कार्यक्रम बनाया जाएगा।
देशभर के सभी मंदिरों में होगा पूजा-पाठ
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन देशभर के मठ मंदिरों में पूजन-पाठ, यज्ञ, हवन और आरती होगी। साथ ही उस रात रामभक्त अपने घर में पांच दीपक अवश्य जलायेंगे।