ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग हादसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा दखल दिया है। कोर्ट ने रेलवे और ग्रेटर मुंबई नगर निगम ( बीएमसी) को निर्देश दिया है कि ये सुनिश्चित किया जाए कि रेलवे या नगर निगम के स्वामित्व वाली किसी भी भूमि पर कोई अप्रिय घटना फिर न हो। सुप्रीम कोर्ट ने चेताया मानसून के दौरान सतर्क रहें। घाटकोपर में होर्डिंग गिरने को लेकर बीएमसी और रेलवे आमने -सामने हैं।
बीएमसी की ओर से डिस्टि्रक डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ( डीडीएमए) के नोटिस का हवाला देकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वो रेलवे को निर्देश दें कि नियमों के मुताबिक 40×40 फीट से बड़े सभी होर्डिंग को हटाया जाए।
– वीजेटीआई ने घटना की जांच रिपोर्ट सौंपी
मानसून का मौसम आ गया, सतर्क रहें
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने कहा कि सुनिश्चित करें कि रेलवे या नगर निगम के स्वामित्व वाली किसी भी भूमि पर कोई अप्रिय घटना दोबारा न हो, क्योंकि मानसून का मौसम आ गया है। बेंच ने कहा कि वो इस मुद्दे पर अगली तारीख पर व्यापक सुनवाई करेगी। लिहाजा सभी पक्ष पूरी तैयारी के साथ आएं।
होर्डिंग रेलवे का नहीं
रेलवे की ओर से पेश एएसजी विक्रमजीत बनर्जी और वरिष्ठ वकील वसीम कादरी ने अदालत को बताया कि घाटकोपर का होर्डिंग रेलवे का नहीं है। इसके अलावा रेलवे की जमीन पर लगे होर्डिंग पर बीएमसी एक्ट नहीं लगता। इस मुद्दे पर पहले से ही याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। घाटकोपर घटना से रेलवे का कोई लेना देना नहीं है। वहीं बीएमसी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने इस पर आपत्ति जताई।
13 मई का हादसा
उल्लेखनीय है कि 13 मई को धूल भरी आंधी और बेमौसम बारिश के दौरान एक बड़ा होर्डिंग पास के पेट्रोल पंप पर गिर गया था जिससे 17 लोगों की मौत हो गई और 74 अन्य घायल हो गए थे। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने वीरमाता जीजाबाई प्रौद्योगिकी संस्थान (वीजेटीआई) से होर्डिंग गिरने के कारणों का पता लगाने का अनुरोध किया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि संस्थान ने अपनी रिपोर्ट मुंबई अपराध शाखा को सौंपी, अपराध शाखा ही इस मामले की जांच कर रही है।
उचित जगह नहीं लगा था होर्डिंग
अधिकारी ने रिपोर्ट के हवाले से बताया, होर्डिंग जिस स्थान पर लगाया गया था, वह उचित नहीं थी और नींव कमजोर थी। उन्होंने बताया कि ‘वीजेटीआई’ के तकनीकी विशेषज्ञों ने घटना के बाद ढांचे की नींव और ढेर के नमूने एकत्र किए थे।
अधिकारी ने बताया, ‘‘होर्डिंग की क्षमता को देखते हुए यह साबित होता है कि यह संबंधित व्यक्तियों (आरोपी) की ओर से जानबूझकर की गई लापरवाही थी और यह ईश्वर की मर्जी नहीं थी।” होर्डिंग लगाने वाली विज्ञापन कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे को घटना के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।