ब्लिट्ज ब्यूरो
मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में एक और मोड़ आ गया। कथावाचक कौशल किशोर ठाकुर की अधिवक्ता रीना एन सिंह ने उनकी याचिका में राधारानी को बतौर पक्षकार जोड़ने का आवेदन हाईकोर्ट में पेश किया, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मयंक जैन की कोर्ट संख्या 85 में 3 घंटे सुनवाई चली। जन्मभूमि पक्ष ने परिसर के सर्वे और कोर्ट कमीशन की याचिका पेश की, जिसका ईदगाह पक्ष ने विरोध किया। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। हाईकोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास सहित 16 वादों पर एक साथ सुनवाई हुई। न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट में एएसआई और कोर्ट कमीशन के सर्वे की याचिका पेश की। उन्होंने कहा कि सभी दस्तावेज जन्मभूमि पक्ष के पास हैं।
ईदगाह पक्ष, शाही ईदगाह परिसर में मौजूद हिंदू स्थापत्य कला के सबूतों को लगातार मिटाने का काम कर रहा है। विवादित स्थल का सर्वे करना जरूरी है। विवादित स्थल के नगर निगम का असेसमेंट, खसरा, खतौनी आदि राजस्व अभिलेख और ऐतिहासिक साक्ष्य ऐसे हैं, जो यह साबित करते हैं कि जिस स्थान पर ईदगाह बनी है, वह भगवान श्रीकृष्ण का मूल गर्भगृह है।