ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लोक परीक्षा (अनुचित साधन रोकथाम) अधिनियम 2024 लागू कर दिया है। इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई। इस कानून के तहत सरकारी परीक्षाओं में पेपर लीक समेत अन्य गड़बड़ियों पर 10 साल तक की कैद से लेकर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। यह कानून इसी वर्ष फरवरी में संसद में पारित हुआ था। लोक परीक्षा कानून ऐसे समय में लागू किया गया है, जब मेडिकल में दाखिले के लिए नीट-यूजी को लेकर विवाद हो रहा है।
संस्थान की संपत्ति होगी कुर्क
पेपर लीक में अगर कोई संस्थान लिप्त मिलता है, तो उसकी संपत्ति कुर्क और जब्त की जा सकेगी। कानून में ऐसे संस्थान से परीक्षा की आनुपातिक लागत भी वसूल करने का प्रावधान है।
हालांकि, इसमें अनुचित साधनों के प्रयोग पर अभ्यर्थियों के लिए दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान नहीं है। उनके खिलाफ अनुचित साधन नीति के प्रावधानों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाएगी।
नए कानून के तहत, सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनों के इस्तेमाल पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसमें नकल पर रोकथाम के लिए न्यूनतम तीन साल से पांच साल तक की कैद और इस तरह के संगठित अपराध में शामिल लोगों को पांच से 10 साल तक की जेल की सजा और न्यूनतम एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इस कानून के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, रेलवे की ओर से आयोजित प्रतियोगी परीक्षाएं, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की ओर से आयोजित सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षाएं आएंगी।
नीट : काउंसलिंग 6 जुलाई से
मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (एमसीसी) केंद्रीय विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों की अखिल भारतीय कोटा सीटों के लिए नीट 2024 काउंसलिंग प्रक्रिया 6 जुलाई से शुरू करेगी। फिलहाल नीट यूजी रिजल्ट 2024 पर उठे विवादों पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है।