ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। ऋण या उधार देने के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले डिजिटल एप पर शिकंजा कसने के लिए आरबीआई सार्वजनिक रिपॉजिटरी बनाएगा। ऐसे ठग आरबीआई के साथ अपने जुड़ाव का झूठा दावा करते हैं। इनके इस दावे को सार्वजनिक रिपॉजिटरी की मदद से जांचा जा सकेगा।
आरबीआई ने बैंकों या ऋण संस्थाओं को कर्ज लेने वाले ग्राहकों के ऋण की सूचना अब प्रत्येक पंद्रह दिन या उससे भी कम अंतराल पर देने का निर्देश दिया है। ऋण संस्थाओं को अपने उधार लेने वाले ग्राहकों के ऋण की सूचना मासिक अंतराल पर देना आवश्यक है।