ब्लिट्ज ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जुलाई को दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) परिसर राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम मोदी उद्घाटन के लिए आईटीपीओ कॉम्प्लेक्स पहुंचे। यहां उन्होंने कॉम्प्लेक्स में हवन और पूजा-पाठ में हिस्सा लिया।
यह दुनिया के अग्रणी प्रदर्शनी और सम्मेलन परिसरों में से एक है। इस परिसर में सितंबर में जी20 नेताओं की बैठक प्रस्तावित है। इस परियोजना को लगभग 2,700 करोड़ रुपये की लागत से एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में विकसित किया गया था। आईईसीसी परिसर को भारत के सबसे बड़े एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी) गंतव्य के रूप में विकसित किया गया है।
क्या हैं खासियत
-यह हाॅल 123 एकड़ में फैला हुआ है। यहां कॉन्फ्रेंस, प्रदर्शनी के लिए सबसे बड़ा स्थान है।
-एक हॉल में 7 हजार लोग बैठ सकते हैं, जो सिडनी ओपेरा हाउस से बड़ा है।
-हाॅल की दिवार को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता है।
-इसमें मेगा कन्वेंशन सेंटर भी है, जिसमें 4 फ्लोर, 24 मीटिंग रूम, दो ऑडिटोरियल समेत 2 हाॅल हैं।
-3 पीवीआर सिनेमा हाल के बराबर यहां 3,000 की क्षमता वाला एक एम्फीथिएटर भी है।
-इसकी पार्किंग में करीब 4800 वाहन एक साथ खड़े किए जा सकते हैं।
-इसका नाम इंटीग्रेटेड एग्जीबिशन कम कन्वेंशन सेंटर रखा गया है
-इमारत का अण्डाकार आकार शंख से प्रेरित है जबकि इसकी दीवारों और अग्रभागों में पारंपरिक कला के कई तत्व हैं।
-दर्शाए गए विषयों में ‘सूर्य शक्ति’ शामिल है जो सौर ऊर्जा मेंभारत के प्रयासों पर प्रकाश डालता है।
-‘पंच महाभूत’ पांच तत्वों – आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी पर प्रकाश डालता है।
-‘जीरो टू इसरो ‘ यह अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धि को दर्शाता है।
-यह हाॅल 123 एकड़ में फैला हुआ है। यहां कॉन्फ्रेंस, प्रदर्शनी के लिए सबसे बड़ा स्थान है।
-एक हॉल में 7 हजार लोग बैठ सकते हैं, जो सिडनी ओपेरा हाउस से बड़ा है।
-हाॅल की दिवार को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता है।
-इसमें मेगा कन्वेंशन सेंटर भी है, जिसमें 4 फ्लोर, 24 मीटिंग रूम, दो ऑडिटोरियल समेत 2 हाॅल हैं।
-3 पीवीआर सिनेमा हाल के बराबर यहां 3,000 की क्षमता वाला एक एम्फीथिएटर भी है।
-इसकी पार्किंग में करीब 4800 वाहन एक साथ खड़े किए जा सकते हैं।
-इसका नाम इंटीग्रेटेड एग्जीबिशन कम कन्वेंशन सेंटर रखा गया है
-इमारत का अण्डाकार आकार शंख से प्रेरित है जबकि इसकी दीवारों और अग्रभागों में पारंपरिक कला के कई तत्व हैं।
-दर्शाए गए विषयों में ‘सूर्य शक्ति’ शामिल है जो सौर ऊर्जा मेंभारत के प्रयासों पर प्रकाश डालता है।
-‘पंच महाभूत’ पांच तत्वों – आकाश, वायु, अग्नि, जल और पृथ्वी पर प्रकाश डालता है।
-‘जीरो टू इसरो ‘ यह अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धि को दर्शाता है।